मन की सफाई तभी हो पाएगी जब बाहर की सफाई पर दिया जाएगा ध्यान दिनोद धाम जयवीर फोगाट, 11 जुलाई, जिस इंसान के विचार अच्छे है, सोच सात्विक है और जो परमात्मा की रजा और मौज में रहता है उसका तो हर पल सत्संग में ही गुजरता है। यह सत्संग विचार परमसंत हुजूर कंवर साहेब जी महाराज ने दिनोद गांव में गुरु पूर्णिमा के सत्संग की तैयारियों हेतु जुटे सेवादारों को फरमाए। हुजूर कंवर साहेब जी महाराज ने कहा कि परमात्मा की रजा मौज में इंसान की मर्जी नहीं चलती। अगर हम कुदरत के काम में बाधा डालेंगे तो उसका परिणाम भी हमें भुगतना पड़ेगा। गुरु महाराज जी ने फरमाया कि संतो के वचन को आत्मसात करोगे तो तिर जाओगे। हम यदि किसी की कोई और सहायता नहीं कर सकते तो कम से कम उसे हौसला और सकारात्मक ऊर्जा तो दे ही सकते हैं। उन्होंने कहा कि कितनी मशहूर कहावत है कि डूबते को तिनके का सहारा। इस का अर्थ ही ये है कि यदि आप पूरी ईमानदारी और विश्वास से कोई प्रयास करते हैं तो स्वयं परमात्मा उसकी मदद को आगे आते हैं। हुजूर ने कहा कि इंसान के मनोभाव उसके चेहरे से और उसके विचारों से प्रकट हो जाते हैं। गुरु महाराज जी ने कहा कि मन की सफाई तभी हो पाएगी जब आप बाहर की सफाई पर ध्यान दोगे। बाहर की सफाई आपके प्रकट विचारो से ही दिखेगी। उन्होंने कहा कि इस धरा को स्वर्ग बनाने का काम हमारा है। लेकिन अपनी सांसारिक चाह और लिप्सा के चलते हम इंसान से हैवान बनते जा रहे हैं। इस धरती पर भ्रूण हत्या जैसा पाप हो रहा है। ना जननी सुरक्षित है और ना प्रकृति। प्रकृति का दोहन हम अपने स्वार्थ के लिए कर रहे हैं। विज्ञान के नाम पर हम पर्यावरण का नाश कर रहे हैं। यही कारण है कि प्राकृतिक प्रलयो की संख्या बढ़ती जा रही है। गुरु महाराज जी ने पॉलीथिन के बैग का उपयोग ना करने का भी संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि उल्टी सीधी बात से मन को हटा कर जब सतमार्गी बनायेगे तभी भक्ति सम्भव है। हैरानी की बात है कि हम उन आदातो को अपना रहे है जो हमे विनाश की और लेकर जा रहे हैं। जिसने आदत नही सुधारी वो भक्ति मार्ग पर नही चल सकता। Post navigation अग्निपथ योजना के माध्यम से युवाओं के शोषण पर जुटी सरकार : डॉ भूपसिंह तहसीलदार नहीं आने से परेशान लोगों ने बाढड़ा तहसील कार्यालय के सामने लगाया जाम, यातायात व्यवस्था हुई प्रभावित