• सरकार विधायक रेनू बाला की सुरक्षा सुनिश्चित करे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे – दीपेंद्र हुड्डा• साढ़ौरा विधायक रेनू बाला को जान से मारने की धमकी देकर 25 लाख की फिरौती माँगना हरियाणा की ध्वस्त कानून-व्यवस्था का प्रतीक- दीपेंद्र हुड्डा• हुड्डा सरकार के समय अपराधियों में क़ानून का खौफ था, आज लोग अपराध और अपराधियों से खौफजदा हैं- दीपेंद्र हुड्डा• सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने बावल नगर पालिका प्रधान वीरेंद्र महलावत द्वारा आयोजित सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत की रेवाड़ी, 3 जुलाई। सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज बावल नगर पालिका के नव-निर्वाचित प्रधान वीरेंद्र महलावत के खेड़ा मुरार रोड स्थित आवास पर आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। इस दौरान बावल में उनका फूल-मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने साढ़ौरा विधायक रेनू बाला को जान से मारने की धमकी देकर 25 लाख की फिरौती माँगने की घटना पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा कि ये हरियाणा की ध्वस्त कानून-व्यवस्था का प्रतीक है। जब विधायक ही इस सरकार में सुरक्षित नहीं हैं तो आमजन खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे। उन्होंने सरकार से तुरंत पूरे मामले की गहराई से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही विधायक रेनू बाला की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। इस दौरान विधायक चिरंजीव राव भी मौजूद रहे। उन्होंने हरियाणा में बढ़ते अपराध पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोगों ने अपनी सुरक्षा को ही कानून-व्यवस्था मान लिया है। जबकि, हत्या, रेप, चोरी, फिरौती, लूट, डकैती आम हरियाणवी की दिनचर्या का हिस्सा बन गए हैं। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि भाजपा-जजपा राज में कानून-व्यवस्था का दिवाला निकल गया है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हुड्डा सरकार के समय अपराधियों में क़ानून का खौफ था, आज लोग अपराध और अपराधियों से खौफजदा हैं। मुख्यमंत्री ने खुद ही लट्ठ उठाने और जेल जाने से न डरने की बात कहकर अपराधियों के अन्दर से सलाखों के पीछे जाने का डर निकाल दिया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जब जेल जाने का डर ही नहीं रहेगा तो क़ानून-व्यवस्था ठीक कैसे रहेगी। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बढ़़ते अपराध का कारण प्रदेश सरकार का कुशासन और बढ़ती बेरोजगारी है। पिछले कई वर्षों से हरियाणा बेरोजगारी के मामले में लगातार पूरे देश में टॉप पर बना हुआ है। हरियाणा में पिछले महीने के मुकाबले बेरोज़गारी 6 प्रतिशत बढ़कर 30.6 प्रतिशत पर पहुँच गई जो राष्ट्रीय औसत का करीब 4 गुना अधिक है। दिल्ली के तीन तरफ़ जो हरियाणा बसता हो, वहाँ देश में में सर्वाधिक ‘रोज़गार दर’ होनी चाहिए न कि ‘बेरोज़गारी दर’। सामान्यतः देखा जाता है कि रोजगारशुदा व्यक्ति अपराध करने से डरता है। उसे इस बात का डर रहता है कि ऐसा करने से कहीं उसका रोज़गार न चला जाए। Post navigation सीएमआईई सर्वे के आंकड़े गलत तो भाजपा अन्य राज्यों में सीएमआईई के आंकडों को लेकर पीठ क्यों थपथपाती है? विद्रोही जमीन लेने की प्रक्रिया शुरू करने में ही सात साल लग गए,,,,,,,,अभी मंजिल बहुत दूर : विद्रोही