सुनियोजित ढंग से हो रहा आंदोलनकारी किसानों के प्रति दुष्प्रचार व काले कृषि कानूनों की वकालत क्या प्रधानमंत्री मोदीजी की शह बिना संभव है? विद्रोही

केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर सार्वजनिक मंच से कैमरों के सामने नकली किसान बताकर खेत व किसानी के धंधे में लगे 62 करोड़ नागरिकों का खुलेआम अपमान कर चुके है : विद्रोही

26 सितम्बर 2024 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि मोदी-भाजपा सरकार किसानों को लूटने, खेती, किसानी, व्यापार पर चंद पंूजीपतियों का कब्जा करवाने के लिए पर्दे के पीछे से तीन काले कृषि कानूनों को फिर सेे लाने को कुप्रयास कर रही है। विद्रोही ने कहा कि देश, किसानों की नब्ज टटोलने व तीन काले कृषि कानूनों को महिमामंडन करने के लिए मोदी जी के इशारे पर केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर, सांसद कंगना रानोत व अन्य भाजपा नेता कृषि कानूनों के खिलाफ लडने वाले किसानों के प्रति दुष्प्रचार करके उन्हे देश विरोधी, खालिस्तानी, मर्डरर, विदेशी एजेंट बताने की बेशर्मी करके किसान आंदोलन में शहीद हुए 750 के लगभग किसानों की शहादत के साथ क्रूरे मजाक कर रहे है। 13 फरवरी से अपनी मांगों को लेकर शम्भू बार्डर पर बैठे किसानों को केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर सार्वजनिक मंच से कैमरों के सामने नकली किसान बताकर खेत व किसानी के धंधे में लगे 62 करोड़ नागरिकों का खुलेआम अपमान कर चुके है।  

विद्रोही ने कहा कि भाजपा सांसद,, विधायक, नेता खुलेआम काले कृषि कानूनों की वकालत करके इन्हे वापिस लाने की मांगे कर रहे है। वहीं भाजपा-संघ समर्थक किसान संगठनों के नाम पर ऐसे किसान विरोधी बयानों को जायज ठहराकर काले कृषि कानून लागू करने की वकालत करवाई जा रही है। सुनियोजित ढंग से हो रहा आंदोलनकारी किसानों के प्रति दुष्प्रचार व काले कृषि कानूनों की वकालत क्या प्रधानमंत्री मोदीजी की शह बिना संभव है? यदि मोदी-भाजपा-संघ को किसान विरोधी इन तत्वों की शह नही होती तो ऐसे तत्व केन्द्रीय व भाजपा शासित राज्यों के मंत्रीमंडल में मंत्री कैसे बने हुए है? कंगना रानौत जैसे सांसदों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नही हुई? जहरीली कंगना को भाजपा से क्यों नही निकाला गया? किसान समझे ले किसान विरोधी बयान, किसानों के प्रति दुष्प्रचार करके उन्हे खालिस्तानी, आंतकवादी, रेपिस्ट, मर्डरर, अराजक तत्व ठहराने के भाजपा नेताओं के बयान कोई संयोग अथवा अनजाने में कहीं बाते नही अपितु मोदी-भाजपा-संघ का सुनियोजित प्रयोग है। ऐसी स्थिति में विद्रोही ने हरियाणा की 36 बिरादरी, किसानों, खेतिहर मजदूर, मेहतनकश व आम हरियाणवी से आग्रह किया कि खेत व किसानी को काले धन की दौलत से चंद पूंजीपतियों की तिजौरियों में ले जाने से रोकने के लिए एकजुट होकर 5 अक्टूबर को वोट की चोट से भाजपा को जमीन में इतना दफन कर दे कि ऐसी जनविरोधी ताकते दोबारा पनप ही न सके और कांग्रेस को सत्ता देकर प्रदेश व अपना भविष्य सुरक्षित करके सभी के चहुंमुखी विकास का रास्ता साफ करे।    

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