ग्रामीणों की नगर पालिका तोडऩे की मांग से सहमत, दर्जा हटवाने के लिए सीएम को देंगे पूरी रिपोर्ट: कमल गुप्ता

बाढड़ा: बाढड़ा व हंसावास खुर्द के सैंकड़ों ग्रामीणों ने पूर्व विधायक व किसान मोर्चा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुखविंद्र मांढी की अगुवाई में हिसार पहुंचकर प्रदेश के नगर निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता से मुलाकात की तथा उनको बाढड़ा नगरपालिका का दर्जा वापस लेने की मांग की। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी मांग पर वह गंभीरतापर्वूक अधिकारियों से सलाह मशवरा कर आगामी कदम उठाऐंगे। ये दोनों गांवों के ग्रामीण नगरपालिका की बजाए ग्राम पंचायत का दर्जा चाहते हैं तो वह सीएम मनोहर लाल को सारे हालात से अवगत करवा जनभावनाओं के आधार पर आगामी फैसला लेंगे जिसमें वह उनके भाई बनकर लड़ाई में पूरी मदद करेंगे।

पूर्व विधायक व भाजपा किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र मांढी की अगुवाई में पहुंचे दोनों गांवों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते नगर निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता ने कहा कि वह आप लोगों की मांग के आधार पर ही भविष्य के फैसलें लेंगे। मंत्री को सारी स्थिति से अवगत करवाते हुए पूर्व विधायक सुखविंद्र मांढी ने कहा कि बाढड़ा ग्रामीण क्षेत्र है तथा यहां आमदनी न होने के कारण शहरी विकास को तरजीह देने के लिए आमजन पर बोझ डाला जा रहा है। यह विकास देने की बजाए आमजन के जी का जंजाल बन गया है। नगरपालिका गठन के बाद से ही लगातार नए-नए कर थोपे जा रहे हैं वहीं इन दोनों गांवों के युवाओं को ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार में मिलने वाले पांच अंकों व ईडब्लूएस जैसी योजना से भी वंचित रखकर उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। पंचायत समिति चेयरमैन भल्लेराम बाढड़ा व जाट सभा सचिव विधानंद हंसावास ने बताया कि इन दोनों गांवों की आबादी बहुत कम है और इससे उनको नगरपालिका द्वारा अनेक कर तो थोपे ही गए बल्कि दस माह से दोनों गांवों की कृषि, रिहायशी व कमर्शियल भूमि की रजिस्ट्री कार्य पूरी तरह बंद है और अब दोनों गांवों के ग्रामीण सर्वस मत से नगरपालिका की बजाए ग्राम पंचायत का दर्जा पाना चाहते हैं।

नगर निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता ने कहा कि दादरी जिला उनका दूसरा घर है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने जनभावनाओं के आधार पर ही कमेटी गठित कर दादरी को जिला व बाढड़ा को उपमंडल का दर्जा दिलवाया गया था और अब इन दोनों को बड़ी सिटी के रुप में विकसित करने के लिए सीएम मनोहर लाल ने यहां पर उपमंडल, जिला सचिवालय व अन्य विभागों के प्रशासकिय भवनों के लिए तीन सौ करोड़ की भारीभरकम राशि आवंटित की है। बाढड़ा क्षेत्र के ग्रामीण अगर नगरपालिका की बजाए ग्राम पंचायत के माध्यम से ही विकास योजनाएं संचालित करवाना चाहते हैं तो वह सीएम को सारी स्थिति से अवगत करवा कर उनकी मांगों को सिरे चढवाने का प्रयास करेंगे।

प्रतिनिधि मंडल में पंचायत समिति चेयरमैन भल्लेराम बाढड़ा व जाट सभा सचिव विधानंद हंसावास एसएमसी अध्यक्ष धनसिंह, बीडीसी कर्णसिंह हंसावास, सरपंच विजय हंसावास, प्रताप श्योराण, संदीप सिंटी बाढड़ा, बीरसिंह सभ्रवाल, मनोज पूर्व सरपंच होशियार सिंह, बजरंग सिंटी, मा. अतरसिंह, मंजीत पहलवान, पूर्व सरपंच होशियार सिंह, नवीन श्योराण, बजरंग श्योराण, रमेश कुमार, करतार सिंह, मोहन सैनी, मांगेराम, कृष्ण कुमार, सुंदरपाल बाढड़ा, विकास नम्बरदर, जगबीर शर्मा, सुखबीर सिंह, राजपाल धारीवाल,संजय राणा, हरेन्द्र सिंह, सुरेश कुमार, रवि, जगबीर शर्मा, राहुल, मु तयार सिंह, जोतराम, छोटूराम, मोहनलाल, धनसिंह, मा. दिलबाग सिंह, प्रवीण कुमार, भूपसिंह, मनोज, कृष्ण कुमार, महिपाल इत्यादि सैंकड़ों मौजिज ग्रामीण मौजूद रहे।

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