खापों के साथ अन्य संगठन भी उतरे समर्थन में
राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन, अविलंब अग्निपथ योजना वापिस लेकर स्थाई भर्ती शुरू करवाने की मांग
युवाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कहा कि तुरंत प्रभाव से इस योजना को वापस लिया जाए।
युवाओं ने कहा कि कोरोना संक्रमण खत्म हो चुका है और अभी तक भी सेना में भर्ती प्रक्रिया को शुरू नहीं किया गया है।
जो युवा पिछले तीन-तीन वर्षों से तैयारी कर रहे हैं और रोजगार की तलाश कर रहे हैं अब अग्निपथ योजना लाकर इन युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

चरखी दादरी जयवीर फोगाट, 

18 जून, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित अग्निपथ योजना के खिलाफ युवाओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आज स्थानीय हाथी पार्क में सुबह 10 बजे से ही युवाओं के साथ इलाके की तमाम खाप, किसान और कर्मचारी संगठनों से जुड़े लोग एकत्रित होने शुरू हो गए थे। करीब 11 बजे वहां से सब केंद्र सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन कर नारेबाजी करते हुए बस स्टैंड, परशुराम चौक होते हुए लघु सचिवालय पहुंचे जहां उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उपायुक्त की अनुपस्थिति में सीटीएम को सौंपा। करीब एक घन्टे तक प्रदर्शनकारियों ने लघु सचिवालय में धरना दिया।

उन्होंने सीटीएम को जानकारी देते हुए कहा कि पिछले दिनों भारत सरकार ने सेना में भर्ती के लिए नया कानून लेकर आई है। उसको लेकर देश भर के युवाओं में भारी रोष है। आज परिस्थिति बेहद विकट हैं और युवा अपने भविष्य से चिंतित सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगह प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज हुआ है और सैकड़ों को हिरासत में लिया गया है। ये बेहद निंदनीय हैं और इससे आमजन में भी विरोध बढ़ता जा रहा है। इलाके की तमाम खाप और सामाजिक संगठन युवाओं की भावनाओं के साथ खड़े हैं।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मानती है कि भारतीय सैन्य ढांचा व इसकी पेशेवर दक्षता बेजोड़ है। कड़ी प्रतिस्पर्धा व कठोर ट्रेनिंग के बाद बने हमारे सेना के जवान वीरता की रोज नई मिसाल पेश करते हैं लेकिन अग्निपथ योजना एक सैनिक को सेना द्वारा दी जाने वाली निश्चितता को खत्म करने वाली है। उनके मुताबिक इससे जवान की कार्यक्षमता पर उल्टा प्रभाव पड़ना तय है।

संगठनों ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा करते हुए कहा था कि उनकी सरकार प्रतिवर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देगी। लेकिन उनकी ताजा घोषणा युवाओं के साथ छलावा साबित नहीं तो क्या है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 18 महीने में 10 रोजगार रोजगार देंगे। बढ़ती बेरोजगारी और मंहगाई से युवा वर्ग बेहद हताश व निराश होने के साथ अपने को ठगा महसूस कर रहा है।

सभी ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वो इस मसले पर सरकार को आदेश देते हुए इस योजना पर रोक लगवाएं और सेना में स्थाई भर्ती खुलवाएं। इसके साथ भर्ती में आयु सीमा दो साल बढ़ाई जाए और भर्ती का टेस्ट करवाया जाए। सरकार को कहा जाए कि रोकी गई भर्तियों की लिस्ट तुरंत लगाए। सरकार के नए कानून के खिलाफ जिन युवाओं ने रोषस्वरूप आत्महत्या की हैं उनके परिजनों को मुआवजा दिया जाए।

इससे पहले सोनू फौगाट ने हाथी पार्क में सभी युवाओं को आंदोलन को शांतिपूर्ण ढंग से चलाने के साथ बुजुर्गों का मार्गदर्शन लेने का आह्वान किया। हालांकि उन्होंने कहा कि ये लड़ाई किसान आंदोलन की तर्ज पर लड़ी जायेगी और सरकार को ये काला कानून वापिस लेना ही पड़ेगा।

इस अवसर पर युवाओं की 11 सदस्यीय कमेटी के भूपेन्द्र, रितिक, दीपक, सचिन, हंसराज, कर्मजीत, हितेश, सौरभ, सोनू, राहुल, जयभगवान के अलावा फौगाट खाप 19 के प्रधान बलवंत नंबरदार, सांगवान खाप के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप 25 के प्रधान बिजेंद्र बेरला, चिड़िया सतगामा के प्रधान राजबीर शास्त्री, पूर्व सीपीएस रणसिंह मान, हवेली बारह के सचिव प्रभुराम गोदारा, सर्वकर्मचारी संघ के प्रधान राजकुमार घिकाड़ा, कमलेश भैरवी, राजू मान, अजित फौगाट, राजकुमार कादयान, भाकियू लोकशक्ति के जगबीर घसोला, कृष्ण फौगाट, सुनील पहलवान, सुशील धानक, रणबीर फौजी, प्रेम अचिना, धर्मपाल महराणा, सुरेंद्र सरपंच, प्रीतम चेयरमैन, सूबेदार सत्यवीर, रामसिंह, राजकरण, रणधीर, रविन्द्र समेत सैकड़ों युवा और बुजुर्ग मौजूद थे।

error: Content is protected !!