1 मई 2022 – विगत 86 दिनों से अहीर रेजीमेंंट बनाने की मांग को लेकर खेडक़ी दोला टोल प्लाजा पर धरना-प्रदर्शन कर रहे संयुक्त अहीर रेजीमेंट मोर्चा के आंदोलनकारियों को शनिवार को स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने धरना स्थल पर लाकर अपना समर्थन दिया। विद्रोही ने धरना स्थल पर मौजूद अहीर रेजीमेंट मोर्चा के साथियों से चर्चा करते हुए कहा कि उनके संघर्ष के बदौलत आज अहीर रेजीमेंट की मांग जन-जन का मुद्दा बन चुका है और इस मांग के समर्थन में सर्वसमाज के लोग जिस तरह आगे आ रहे है, वह इस आंदोलन के लिए बहुत सकारात्मक संदेश है।

यू ंतो अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग वर्षो से उठ रही है, लेकिन संयुक्त अहीर रेजीमेंट मोर्चा के संघर्ष व आंदोलन ने पहली बार इस मांग को आमजन की मांग बनाया है जो बहुत बडा कदम है। लोगों के संघर्ष का यह फल है कि विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों, विधायकों, नेताओं, पंचायत-नगर निकाय संस्थाओं के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, विभिन्न सामाजिक  संगठनों, जातिय संगठनों के नेताओं ने इस आंदोलन को समर्थन दे रहे है। विद्रोही ने आंदोलनकारियों से कहा कि यह उनके लिए बडी सफलता है कि वे अपना आंदोलन जारी रखे हुए है और उनके द्वारा जलाई गई अहीर रेजीमेंट की लो एक दिन ऐसी क्रांति में बदलेगी जो किसी के रोके भी नही रूकेगी और सत्ताधारी जनदबाव में अहीर रेजीमेंट बनाने को बाध्य होंगे।

वहीं विद्रोही ने आंदोलनकारियों को सलाह दी कि जो सत्ताधारी दल के मंत्री, संासद, विधायक धरना स्थल पर आकर अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग का समर्थन कर रहे है, उन सत्ताधारी दल के नेताओं से कहे कि जबानी जमाखर्च से अहीर रेजीमेंट बनाने का समर्थन करने से काम नही चलेगा। यदि वे वास्तव में अहीर रेजीमेंट बनाने का समर्थन करते है तो मोदी-भाजपा-संघी सरकार को कहे कि क्या तो अहीर रेजीमेंट बनाये वरना हम अपने-अपने पदों से त्याग पत्र दे देंगे। सत्तारूढ़ दल के मंत्री, सांसद, विधायक अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग का दिल से समर्थन करते है तो वे इस महान यज्ञ में अपने त्याग पत्र की आहुति डालेंगे और यदि वे ऐसा नही करते तो आंदोलनकारी समझ ले कि वे उनको भावनात्मक रूप से ठगकर वोट बैंक की राजनीति कर रहे है। 

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