हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर क्या है ? क्या वे नागपुर के कठपुतली मुख्यमंत्री नही : विद्रोही

पार्टी के वरिष्ठ नेता का मार्गदर्शन पाना व पार्टी से बाहर के किसी नेता का खट्टर की तरह कठपुतली बनकर आदेश मानने में दिन-रात का अंतर हैै।विद्रोही

2 मई 2022 – कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को भूपेन्द्र सिंह हुडडा की कठपुतली बताकर सत्ता दुरूपयोग से दुष्प्रचार करने वाले भाजपा-संघी नेताओं से स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने पूछा कि हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर क्या है? क्या वे नागपुर के ऐसे कठपुतली मुख्यमंत्री नही है जिन्हे अपने सीएमओ में भी अधिकारी व कर्मचारियों की नियुक्तियों के लिए नागपुर से आदेश लेना पडता है? विद्रोही ने कहा कि यहां तक नागपुर के दबाव में कठपुतली की तरह आदेश पालन करने वाले खट्टर जी को तो मुख्यमंत्री कार्यालय में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों के लिए हरियाणा से कोई योग्य व्यक्ति नही मिलते अपितु उक्त नियुक्तियां भी नागपुर के आदेश पर विभिन्न राज्यों की संघी कठपुतियों से होती है। जिस भाजपा सरकार का अपना मुख्यमंत्री कार्यालय भी नागपुर के आदेश पर चलाने को मजबूर हो और गैर हरियाणवी लोग बाहर से आकर प्रदेश सरकार संघी इशारे पर चलाते हो, ऐसे भाजपा नेता कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को कठपुतली अध्यक्ष बताकर सत्ता दुरूपयोग से दुष्प्रचार करे, इससे अधिकार अनैतिकता, बेशर्मी और क्या हो सकती है। 

विद्रोही ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस विरोधी यह क्यों भूल जाते है कि भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ना केवल हरियाणा में सबसे बड़े जनाधार वाले ऐसे जननेता भी है जिनके कद का नेता आज हरियाणा में किसी भी राजनीतिक दल में नही है। साथ में वे कांग्रेस के भी वरिष्ठ नेता है जो प्रदेश के दस वर्षो तक मुख्यमंत्री भी रहे है व लम्बे समय तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे है। यदि ऐसे वरिष्ठ व अनुभवी राजनेता का मार्गदर्शन प्रदेश कांग्रेस की नवनियुक्त टीम को मिलता है तो यह तो कांग्रेस संगठन के लिए बडी सकारात्मक स्थिति है। पार्टी के वरिष्ठ नेता का मार्गदर्शन पाना व पार्टी से बाहर के किसी नेता का खट्टर की तरह कठपुतली बनकर आदेश मानने में दिन-रात का अंतर हैै। हरियाणा में काग्रेस भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के मार्गदर्शन में काम करे, इसमें न तो कोई गलत बात है और न ही यह कोई अलोकतांत्रिक कदम है। हरियाणा कांग्रेस के नवनियुक्त पदाधिकारी प्र्रदेश व देश के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के मार्गदर्शन में काम नही करेंगे तो क्या संघी कठपुतलियों के निर्देशन में काम करे?

विद्रोहीे ने कहा कि कटु सत्य यह है कि हरियाणा में विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस संगठन में जो दिल से मिलकर एकजुट होकर एक लक्ष्य के साथ काम करने का माहौल बना है, उससे भाजपा सहित कांग्रेस विरोधी दलों व नेताओं को अपना राजनीतिक वजूद खत्म होता नजर आ रहा है। इस कारण वे अनर्गल बयानबाजी करके अपनी बौखलाहट, हताशा का ही प्रदर्शन कर रहे है। वहीं जिन कांग्रेस नेताओं की निजी महत्वकांक्षाओं पर तुषाराघात हुआ है, उनमें निराशा होना स्वभाविक है पर उन्हे नही भूलना चाहिए कि कोई भी दल नेताओं की निजी महत्वकांक्षाओं की पूर्ति को लक्ष्य मानकर फैसले नही लेता अपितु दल, विचारधारा की मजबूती व विरोधी को कैसे कमजोर किया जाये, इसको ध्यान में रखकर संगठनात्मक फैसले लेता है। विद्रोही ने प्रदेश के सभी कांग्रेस नेताओं से आग्रह किया कि वे भाजपा-संघी दुष्प्रचार को दरकिनार करके मिलकर ऐसा माहौल बनाये जिससे हरियाणा में भाजपाई-संघी ढूंढे भी नजर न आये और प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बने। 

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