30 अप्रैल 2022 – मनेठी-माजरा एम्स निर्माण के नाम पर विगत सात सालों से जुमलेबाजी करके अहीरवाल के लोगों को भावनात्मक रूप से ठगने वाले मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, उनके मंत्रीयों, भाजपा-संघी सांसदों, विधायकों व जिला प्रशासन रेवाडी से स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने पूछा कि विगत सप्ताह के सोमवार या मंगलवार से माजरा के किसानों की जमीन की रजिस्ट्रीया एम्स के नाम शुरू करने के उनके सार्वजनिक दावे का क्या हुआ? विद्रोही ने कहा कि पूरा सप्ताह बीत गया, पर सरकार व प्रशासन के दावे अनुसार माजरा के किसानों की जमीन की एम्स के नाम पर रजिस्ट्रीया शुरू नही हुई और न ही सम्बन्धित किसानों को सर्वसम्मति ये तय हुआ मुआवजा देने की शुरूआत हुई। भाजपा सरकार के जुमलेबाज मंत्री-संतरी, सांसद, विधायक एम्स के लिए जमीन लेने व मुआवजा देने की शुरूआत करने की विगत छह माह से तारीख पर तारीख दे रहे है, पर वह तारीख आ नही रही और हर सप्ताह मंत्री, सांसद, विधायक, जिला उपायुक्त मीडिया बयान बहादुर बनकर एक और नई तारीख परोस देते है। 

विद्रोही ने आरोप लगाया कि विगत छह सप्ताह से नई तारीख परोसकर पूरे अहीरवाल को दिन-दहाडे उल्लू बनाया जा रहा है। सवाल उठता है कि जो सरकार व प्रशासन माजरा के किसानों व सरकार के बीच लगभग एक साल पूर्व आपसी सहमति से जमीन देने व सहमति अनुसार मुआवजा लेने पर रजामंद होने के बाद भी एम्स की प्रस्तावित जमीन की रजिस्ट्री करवाके सम्बन्धित किसानों को जमीन मुआवजा तक नही दे पा रही है, वह भविष्य में एम्स निर्माण से सम्बन्धित अन्य कानूनी औपचारिकताएं पूरा करके एम्स निर्माण में कितने वर्ष लगाएगी, कुछ नही कहा सकता।

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, सांसद, विधायक, जिला प्रशासन विगत छह माह से दावा ठोकते आ रहे है कि एम्स के लिए माजरा के किसानों की जमीन लेने सरकार ने 81 करोड़ रूपये रिलीज कर दिये है। सवाल उठता है कि जब एम्स के लिए मुआवजा रिलीज हुए छह माह हो चुके हैे तो उक्त राशि किसानों को देने में सरकार व प्रशासन को परेशानी क्या है? एम्स पर मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा-संघ का हर छोटा-बडा पदाधिकारी व प्रशासन इतनी ज्यादा झूठ बोल चुके है कि उनकी किसी भी बात पर विश्वास करना अति कठिन हो रहा है।

विद्रोही ने कहा कि जब तक मनेठी-माजरा एम्स निर्माण कार्य शुरू होकर पूरा नही हो जाता और प्रस्तावित एम्स में डाक्टरी की पढ़ाई शुरू नही हो जाती, तब यह विश्वास नही होगा कि यह एम्स बन गया। भाजपा सरकार एम्स पर जुमलेबाजी करके लोगों को भावनात्मक रूप से ठगने की बजाय कम से कम एम्स निर्माण के संदर्भ में अहीरवाल की जनता के सामने सच रखे, न कि झूठ पर झूठ बोलकर लोगों को भावनात्मक रूप से ठगे। 

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