गुडग़ांव, 20 अप्रैल (अशोक): करोड़ों की चोरी के मामले में गुडग़ांव के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त धीरज सेतिया की पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत स्वीकार ली है। हालांकि इस मामले में अभी भी कुछ आरोपी फरार चल रहे हैं। जब यह घटना घटित हुई थी, सेतिया उस समय पुलिस उपायुक्त क्राईम की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाले हुए थे।

गत वर्ष 5 अगस्त की रात्रि को खेडक़ीदौला क्षेत्र स्थित एक सोसायटी के 2 फ्लेट से करीब 30 करोड़ रुपए चोरी हो गए थे। यह धनराशि अल्फाजी कॉर्प मैनेजमेंट सर्विसेज की बताई जाती है। इस चोरी का मास्टर माइंड गैंगस्टर विकास लगरपुरिया है। चोरी में नाम आ जाने के कारण प्रदेश सरकार ने धीरज सेतिया को निलंबित कर दिया था। इस मामले की जांच के लिए गठित की गई एसटीएफ ने सेतिया को आरोपी बनाया है। जिला एवं सत्र न्यायालय से सेतिया की अग्रिम जमानत याचिका करीब 2 माह पूर्व खारिज हो चुकी थी। उनकी जमानत को लेकर अदालत ने अहम टिप्पणी भी की थी। इस मामले में 20 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिनमें से 17 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। सेतिया ने अपनी याचिका में कहा है कि उनको इस मामले में गलत फंसाया गया है। उच्च न्यायालय ने इस मामले के आरोपी डा. नवल, गुरप्रताप व डा. अश्विनी की भी नियमित जमानत याचिका स्वीकार कर ली है।

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