महामहिम राज्यपाल ने दादरी को बताया अपना घर

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

06 अप्रैल,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह हमें वसुदेव कुटुकंबम् की भावना रखकर अपने राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए। सबका साथ, सबका विकास जैसे मूलमंत्र से ही हम भारत को विश्व शिरोमणि बना सकते हैं।

उड़ीसा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने आज पूर्व चेयरमैन राजेंद्र सांगवान के निवास पर ये शब्द कहे। यहां विशेष तौर पर व्यक्तिगत कार्यक्रम में आए प्रो. गणेशीलाल ने कहा कि संघ के कार्यक्रमों में अक्सर मेरा दादरी आना होता था। यहां अरविंद मित्तल, जीतराम गुप्ता, राजेंद्र जी आदि के अनेक ऐसे घर हैं, जो मेरे परिवार की तरह हैं। जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान होती है। चरखी दादरी आकर मैं बहुत अपनत्व महसूस करता हूं। यह नगरी मेरे परिवार की तरह है। उड़ीसा से यहां आकर ऐसा अनुभव होता है, जैसे मैं अपने घर पर ही आया हूं।

उड़ीसा के राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने आज पूर्व चेयरमैन राजेंद्र सांगवान के निवास पर ये शब्द कहे। यहां विशेष तौर पर व्यक्तिगत कार्यक्रम में आए प्रो. गणेशीलाल ने कहा कि संघ के कार्यक्रमों में अक्सर मेरा दादरी आना होता था। यहां अरविंद मित्तल, जीतराम गुप्ता, राजेंद्र जी आदि के अनेक ऐसे घर हैं, जो मेरे परिवार की तरह हैं। जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान होती है। चरखी दादरी आकर मैं बहुत अपनत्व महसूस करता हूं। यह नगरी मेरे परिवार की तरह है। उड़ीसा से यहां आकर ऐसा अनुभव होता है, जैसे मैं अपने घर पर ही आया हूं।

उन्होंने कहा कि उड़ीसा एक विशाल संस्कृति वाला प्रदेश है, जहां समुद्र, नदियां, खनिज पदार्थ, शास्त्रीय ओडिसी नृत्य, संगीत आदि हर एक विधा प्रचुर मात्रा में है। भारत के सबसे बड़े चार धाम में से एक भगवान जगन्नाथ की नगरी पुरी भी उड़़ीसा में ही है। उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ की महिमा घर-घर में है। बाल्यकाल से ही बच्चों में जगन्नाथ प्रभु की भक्ति के संस्कार डाल दिए जाते हैं। इसके अलावा देवियों की 52 शक्तिपीठ भी उड़ीसा में है। देवी कामाख्या, काली देवी असम, कोलकता में है तो विमला व तारणी देवी की शक्तिपीठ उड़ीसा राज्य में स्थापित हैं।

प्रो. गणेशीलाल ने कहा कि उड़ीसा के जन गरीब होते हुए भी दिल से बहुत अमीर हैं। अपने मेहमान का दिल खोलकर स्वागत करते हैं और उनसे कुछ मांगने को कहो तो सरलता से मना कर देते हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य 618 किलोमीटर की दूरी में फैला हुआ है। अग्रि मिसाईल को लांच करने व सुखोई विमान बनाने का काम यहीं होता है। उन्होंने खुले मन से दादरीवासियों को उड़ीसा राज्य आने का निमंत्रण दिया।

इस अवसर पर राजेंद्र चेयरमैन व अत्तरसिंह ने राज्यपाल का शाल ओढ़ाकर स्वागत किया। प्रो. गणेशीलाल के सुपुत्र मनीष सिंगला का भी शाल भेंटकर अभिनंदन किया गया। उपायुक्त प्रदीप गोदारा ने भी महामहिम राज्यपाल का दादरी आगमन पर स्वागत व अभिनंदन किया। इस मौके पर अरविंद मित्तल, पूर्व एसपी राजपाल सिंह, जीतराम गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र परमार, पूर्व एचसीएस राजीव अहलावत, रविंद्र सिलगर, रविंद्र  सिंह गुप्ता, नरेश गर्ग, राजीव अरोड़ा, मा. विरेंद्र टीनू, अशोक गुप्ता, विजय कानेजर, विष्णु मित्तल, पूर्व चेयरमैन कृष्ण मकड़ानिया, विमल, राकेश, पदमसिंह, कैलाश गोयल, रामकुमार रिटोलिया, पूर्व चेयरमैन जंगबीर सिंह, अनिरूद्घ मित्तल, नितिन खंडेलवाल, विनोद कानेजर, हरिराम खुडानिया, आनंद विजारणिया, डा. सुनील जांगड़ा, डा. राजेश शर्मा, प्रदीप चिडिय़ा इत्यादि उपस्थित रहे।

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