पूर्व नेता सीएलपी ने किया ओलावृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
विधानसभा में गूंजेगी किसानों की आवाज, अन्य मुद्दों पर भी सरकार को घेरने का किया दावा

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

27 फरवरी,पूर्व केबिनेट मंत्री और तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने आज बाढड़ा विधानसभा क्षेत्र के ओलावृष्टि से प्रभावित भांडवा, मथुरा, आर्यनगर, खोरड़ा आदि गांवों का दौरा करते हुए नष्ट फसलों का जायजा लिया। उन्होंने किसानों से रूबरू होते हुए कहा कि प्रकृति ने किसानों पर बड़ा प्रहार किया है और सरकार को तुरंत स्पेशल गिरदावरी के आदेश देते हुए सभी प्रभावित किसानों को  65 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा अविलंब देने की घोषणा करने के साथ महीने भर में इसका वितरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाढड़ा विधानसभा क्षेत्र के तीन दर्जन से अधिक गांवों में गेहूं, सरसों, मेथी, मूली के बीज समेत सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि बड़ी विडंबना है कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने कहा कि किसान फसल पर पूरी लागत लगा चुके थे ऐसे में आई इस आपदा ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा है और उसके आगे गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि मूली के बीजों को मुआवजे से बाहर करके मौजूदा सरकार ने  किसानों पर बड़ा वार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार पशु मेले लगाने का ढोंग कर रही है लेकिन हकीकत यह है कि पशुओं के चारे की कीमत आसमान को छू रही हैं।

किरण चौधरी ने कहा कि गठबंधन सरकार ने अगर किसानों को राहत नहीं दी तो इस मुद्दे को वे जोर शोर से 02 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में उठाएंगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार केवल झूठी बयानबाजी तक सीमित है और जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि पिछले 85 दिन से आंगनबाडी वर्कर्स और हेल्पर्स अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं लेकिन सरकार उन्हें उनका हक देने से भी पीछे हट रही है और आंदोलन को दबाने और कुचलने का असफल प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा महज जुमला साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि आशा कर्मियों समेत विभिन्न विभागों के कर्मचारी आंदोलन की राह पर हैं।

पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने कहा कि इलाके के बहुत से बच्चे यूक्रेन में फंसे हुए हैं और उनकी स्थिति गंभीर व सोचनीय है। उनके परिजन भारी परेशानी हैं इसलिए हरियाणा के मुख्यमंत्री को इस मसले पर पहल करके उन बच्चों को सुरक्षित निकालने के प्रयास करने चाहिए।

उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी, अवैध खनन, मुआवजा वितरण में भेदभाव समेत ऐसे बहुत से मुद्दे हैं जिन्हें बजट सत्र में उठाकर सरकार को घेरा जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ राजू मान, अजित सिंह फौगाट, विजय खोरड़ा, जगदीप सांगवान, डॉ ओमप्रकाश, सुशील धानक, हरकेश बलकरा, रविन्द्र गोपी, सज्जन डांडमा, मोतीराम जांगड़ा, अरुण दहिया,  सूबे खान महराणा, राजेश मोरवाला, रामोतार खोरड़ा, रणबीर फौजी, रविन्द्र घिकाड़ा समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।

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