दिनोद धाम जयवीर फोगाट

27 फरवरी,सत्संग जीव के कल्याण के लिए, जीव के अवगुण मिटा कर उसे प्रभु के रास्ते मे चलाता है। अगर कोई भी जीव सत्संग में बार-बर आता है उसका जीवन पूर्ण रूप से बदल जाता है। लेकिन सत्संग बिना सतगुरु के सम्भव नही है। जिसको पूर्ण सतगुरु मिल जाता है उसका लेखा निबट जाता है। सतगुरु करनी का भेद बताता है। बिना करनी के कल्याण सम्भव नही है। यह सत्संग वाणी राधास्वामी परमसंत सतगुरु कँवर साहेब जी महाराज ने दिनोद गांव में स्थित राधास्वामी आश्रम में साध संगत के समक्ष प्रकट की।

गुरु महाराज जी ने कहा कि वर्तमान सबसे बड़ा है। वर्तमान में आपको गुरु मिला, सत्संग मिला इसलिए उसे सँवारो। जो बीत गया उसे भूल जाओ अब केवल आगे की सुध लो और करनी करो। निसन्देह करनी बड़ी कड़वी होती है। हम कह तो देते हैं पर उसे कर नही पाते।भक्ति तो बिना करनी के असम्भव है। हम ना तो गुरु के वचन को मानते है और ना ही विषय विकारो से छुटकारा पाते हैं फिर कल्याण की कामना हम किस मुह से करते हैं। 

उन्होने कहा कि जो मांग कर खाता है वो महात्मा नही है। यदि किसी से कुछ लिया है तो उसे बदले में अवश्य देना पड़ेगा। प्रकृति का सरल नियम है गिव एंड टेक का। जैसे भाव रखोगे वैसा ही आपको मिलेगा। जो सच्ची खोज में निकलता है उसे सच्चा अवश्य मिलता है। सन्तो के पास जाकर भी हम अपनी भावना नही बदलते। उन्होंने फ़रमाया कि प्राण निकलने से तो केवल शरीर मरता है लेकिन सत्संग तो जीवत मरना सिखाता है। इंसान जीते जी तभी मर पाता है जब वो अपनी चाह को समाप्त कर लेता है। सत्संग चाह मेटता है। अपनी इच्छा को, अपनी तृष्ना को पूरी करने के लिए हम गलत तरीके से, और का हक़ दबा कर धन कमाते हैं। जब धन गलत होगा तो मन भी गलत होयेगा। ऐसे में पूरे घर का वातावरण दूषित होता है। यही वजह है कि आज घर-घर में पाप हो रहे हैं। भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध होते हैं। पिता पूरा जीवन गलत तरीके से धन कमा कर अपने परिवार का पोषण करता है। जब वह बूढा होता है तो उसकी अपनी संतान उसे आंख दिखाती है। फिर वो पछताता है। लेकिन वो चाह कर भी बिता वक़्त वापिस नही ला सकता। बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय। झूठ और बेईमानी का प्रचार करोगे तो झूठ और बुराई ही मिलेगी।

परमसंत कँवर साहेब जी ने कहा कि परमात्मा हर किसी की मदद करता है। वो एक झरोखे से सबका मुजरा लेता है। गुरु महाराज जी ने कहा कि वो सर्वशक्तिमान सबकी सुनता है। उसको कभी मत भूलो। जब हम और सारे काम बिना नागा किये करते हैं तो नाम को क्यों बिसारते हैं। इस दुनिया को बनाने वाले को ही हम इस दुनिया की गफलतबाजी में भुला देते हैं इससे बढ़कर हैरानी और क्या होगी। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन का प्रयोग मत करो, प्रकृति का, जल का और पर्यावरण का संरक्षण करो। जल और बेटी को सुरक्षित करो। जल और कन्या दोनों जीवन दायनी है। दोनों के बिना सृष्टि सम्भव नही है।

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