कहा- सरकार अपने वायदे को जल्द करे पूरा, दोबारा ना करे आन्दोलन के लिए मजबूर सयुंक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने आज भरी हुंकार, मनाया विश्वासघात दिवस। चरखी दादरी जयवीर फोगाट, 31 जनवरी,सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आज किसानो ने मनाया विश्वासघात दिवस।सयुंक्त किसान मोर्चा ने दावा किया कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध को वापस ले लिया गया था। लेकिन वे वादे अधूरे रह गए हैं। जिसके चलते आज विश्वासघात दिवस के रूप में मनाने को मजबूर हुए किसान। जिले की सर्वखाप, सर्व संगठन, आंगनबाड़ी वर्कर्स, हेल्पर आशा वर्कर, बार ऐसोसिऐशन, व्यापार मंडल, वाल्मीकी सभा, किसान संगठन व अन्य सभी संगठनों की महापंचायत आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता खाप फोगाट-19 के प्रधान बलवंत सिंह फोगाट ने की। वहीं मंच संचालन खाप फोगाट-19 के सचिव सुरेश फोगाट ने किया। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के किसानों ने केंद्र सरकार की किसान विरोधी कानून को रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी हासिल करने और अन्य किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ चलाए गए एक अभूतपूर्व आंदोलन के उपरांत भी सरकार द्वारा वादाखिलाफी किए जाने पर विस्तार से चर्चा हुई तथा राष्ट्रपति भारत सरकार को ज्ञापन सौंपने की सहमति बनी। पदाधिकारियों ने कहा कि एक बार फिर देश के किसानों के साथ धोखा हुआ है। भारत सरकार के 9 दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर हमने मोर्चे उठाने का फैसला किया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है। इसलिए पूरे देश के किसानों ने आज 31 जनवरी 2022 को विश्वासघात दिवस मनाने का फैसला लिया है। उपस्थित जनों ने सरकार की कथनी और करनी का अंतर समझाते हुए बताया कि सरकार ने अपनी चिट्ठी में वायदा किया था कि किसान आन्दोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें तत्काल प्रभाव से वापिस लिए जायेंगे। भारत सरकार अन्य राज्यों से भी अपील करेगी कि इस किसान आन्दोलन से सम्बन्धित दर्ज मुकदमों को वापिस लेने की कार्यवाही करें, आन्दोलन के दौरान शहीद परिवारों को हरियाणा, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी सैद्धांतिक सहमति दिए जाने का वायदा किया था, यहीं नहीं प्रधानमंत्री ने स्वयं और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की थी तथा किसानों को एमएसपी देने की सहमति बनी थी जिसमें से कोई भी वायदा केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा नहीं लिया गया है। पदाधिकारियों ने कहा कि इसके अतिरिक्त लखीमपुर खीरी हत्याकांड में एसआईटी की रिपोर्ट में षड्यंत्र की बात स्वीकार करने के बावजूद भी इस कांड के प्रमुख षड्यंत्रकारी अजय मिश्र टेनी का केंद्रीय मंत्रिमंडल में बना रहना हर संवैधानिक और राजनैतिक मर्यादा के खिलाफ है। यह तो किसानों के घाव पर नमक छिड़कने का काम है। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पुलिस इस घटना में नामजद किसानों को केसों में फंसाने और गिरफ्तार करने का काम लगातार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मोर्चा उठाने के बाद से केंद्र सरकार अपने किसान विरोधी एजेंडा पर और आगे बढ़ती जा रही है। ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते से डेयरी किसान के अस्तित्व पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। जैव विविधता कानून 2002 में संशोधन से किसान की जैविक संपदा को खतरा है। एफएसएसआईए के नए नियम बनाकर जीएम खाद्य पदार्थों को पिछले दरवाजे से घुसाने की कोशिश हो रही है। एफसीआई के नए गुणवत्ता मानक से फसल की खरीद में कटौती की कोशिश की जा रही है। जो कि किसान संयुक्त मोर्चा कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। इसी मुद्दों को लेकर संयुक्त किसान मोचा, जिला के पदाधिकारियों एवं हजारों किसानों ने एकत्रित होकर एसडीएम की मार्फत महामहिम राष्ट्रपति के नाम लिखते हुए कहा कि कि आप इस देश के मुखिया हैं। आपका संवैधानिक दायित्व है कि आप देश के सबसे बड़े वर्ग अन्नदाता के हितों की रक्षा करें और सरकार को इस धोखाधड़ी के विरुद्ध आगाह करें। किसानों के खून पसीने की वजह से आज देश खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हुआ है। किसानों के अथक प्रयास से ही आर्थिक मंदी और लॉकडाउन के बावजूद भी देश का कृषि उत्पाद लगातार बढ़ा है। किसानों से खिलवाड़ करना पूरे देश के लिए आत्मघाती हो सकता है।उन्होंने कहा कि इस पत्र के माध्यम से देश के अन्नदाता देश के मुखिया से अनुरोध करते हैं कि सरकार उनके विश्वास को न तोड़े। सत्ता किसान के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करे। आप केंद्र सरकार को उसके लिखित वादों की याद दिलाएं और इन्हे जल्द से जल्द पूरा करवाएं। यदि सरकार अपने लिखित आश्वासन से मुकर जाती है तो किसानों के पास आंदोलन को दोबारा शुरू करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचेगा। महापंचायत मे सांगवान खाप-40 के सचिव नरसिंह डीपीई, चिडि़या पंचगामा खाप के प्रधान राजवीर शास्त्री, पंवार खाप के प्रधान महावीर मॉस्टर, सतगामा खाप से जगबीर सिंह, प्रवीण चेयरमैन इमलोटा, अनन्दाता यूनियन के प्रधान राम कुमार कादयान, आशा वर्कर से कमलेश भैरवी, किसान नेता रणवीर सिंह कुंगड, पूर्व संसदीय सचिव रणसिंह मान, सरपंच जोरावर सिंह चरखी, झोझू कन्नी प्रधान सूरजभान, बिरहीं कन्नी प्रधान दिलबाग सिंह, रणधीर सिंह घिकाड़ा, खाप फोगाट-19 उपप्रधान धर्मपाल महराणा, खजांची राजबीर टिकाण कला, कानूनी सलाहकार एडवोकेट गिरेंद्र सिंह फोगाट, हरियाणा रोड़वेज से सेवानिवृत महाप्रबंधक धनराज कुंडू, बार एसोसिएशन प्रधान सुरेंद्र सिंह मैहड़ा, विनोद मोड़ी, दादा गुरू कृष्ण फौगाट, दादरी भिवानी जिला आशावर्कर से सचिव अनिल कुमारी, कर्मचारी यूनियन के प्रधान राजकुमार घिकाड़ा, वाल्मीकि सभा के प्रधान संजय बिडलान, सचिव सुंदर सिंह, ब्राह्मण सभा के प्रधान राहुल मराठा, फैम के प्रधान जय भगवान मस्ताना, नत्थूराम फोगाट, सीताराम फोगाट, डॉ. अमित फोगाट, छोटू सरपंच, महिपाल फोगाट, सूबेदार सुरेंद्र साहब, रिसालदार रणबीर साहब, अभिषेक फोगाट, सीटू प्रधान, प्रेम अचीना, ईश्वर सिंह, राज कपूर, धर्मपाल बोस, संजीव नंबरदार, पारस, मुंशी राम, मलिक राम, सत्ता, महावीर पहलवान लोरवाड़ा, जगदीश सरपंच, बिदारी सरपंच कमोद, राकेश उदयवीर, धर्मपाल लीला सरपंच खातीवास, भूपेंद्र, सोमबीर नंबरदार, डॉ. चंदन सिंह, देवेंद्र सिंह, राजेश, जगदीश गोठड़ा, करतार सिंह, रामवीर सीतापुरा, कृष्ण मास्टर, अशोक सरपंच, नरेश पहलवान ढाणी फोगाट, पप्पू सरपंच, शिशनपाल, सोनू फोगाट टिकान कला, रणवीर सरपंच, धर्मवीर सिंह, अतर सिंह घसौला, बलजीत, सरपंच करतार सिंह, सरपंच समीर सिंह बलकरा, वेद, रामफल पहलवान मकड़ानी सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे। सभी खापों के पदाधिकारी एवं सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने एसडीएम चरखी दादरी को ज्ञापन सौंपा। एसडीएम चरखी दादरी ने आश्वस्त किया कि 10 दिन के अंदर इस पर कार्यवाई की जाएगी अगर 10 दिन तक कार्यवाही नहीं होती व किसानों की मांगें नहीं मानी जाती हैं तो अगली रणनीति बनाकर सरकार को फिर से चेताया जाएगा। किसानों व जनहित समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन। प्रशासन को ज्ञापन के दौरान खाप के प्रतिनिधियो ने कहां की दादरी जिला की तीन समस्याओं जैसे अधिक वर्षा के कारण बर्बाद हुई फसलों की स्पेशल गिरदावरी करवाकर उचित मुआवजा दिलवाने, किसानों के ट्रैक्टरों का चालान ना काटने बारे व बिजली कर्मचारियों द्वारा रात को घरों में घुसकर छापा ना मारे जाने बारे मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त दादरी को ज्ञापन सौंपा है। पदाधिकारियों ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया है कि जिले में पिछले वर्ष रबी व इस वर्ष खरीफ की फसल अत्याधिक वर्षा होने के कारण 70 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक बर्बाद हो गई है। जिससे किसानों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने जिले की स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिए जाने की मांग। इसके अतिरिक्त उन्होंने किसानों के प्रति दादरी की आईटीओ अधिकारी के रवैये से रूबरू करवाते हुए बताया कि कि जिले की आरटीओ किसानों के ट्रैक्टरों का 30/50 हजार रूपये तक का चालान करती है जो किसानों के साथ सरासर अन्याय है। संयुक्त मोर्चा ने इस पर रोक लगाने की भी गुहार लगाई है। वहीं दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के कर्मचारियों द्वारा रात को घरों में घुसकर छापे मारे जाते है जबकि लगभग सभी के मीटर घरों के बाहर बिजली के पोलों पर लगे हुए है। इसलिए बिजली निगम के कर्मचारियों को सख्त हिदायत दिए जाने के लिए ज्ञापन सौंपा है। Post navigation आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने निकाला ट्रैक्टर मार्च आंगनबाड़ी वर्कर व हैल्पर यूनियन धरना आज 57वें दिन में प्रवेश