– जिला में मौजूदा टॉवरों पर सेवाओं के बढ़ते भार के मद्देनजर नए टॉवरों के लंबित आवेदनों का समयबद्ध तरीके से निपटारा करने के दिए निर्देश।– उपायुक्त ने गुरुग्राम के शहरी क्षेत्र में बढ़ती कॉल ड्राप की समस्या पर जताई चिंता, कंपनियों को बेहतर कनेक्टिविटी देने के लिए किया प्रेरित। गुरुग्राम, 28 जनवरी। गुरुग्राम जिला में मोबाइल सेवाओं को बेहतर बनाने व सेवा प्रदाताओं की समस्यायों के समाधान के लिए आज उपायुक्त डा. यश गर्ग की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टेलीकाॅम कमेटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में टेलीकाॅम कंपनियों के प्रतिनिधियों की समस्याओं के निवारण के लिए उपायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। बैठक में उपायुक्त ने टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों के समक्ष गुरुग्राम के शहरी क्षेत्र में कॉल न लगने या बीच में ही कट जाने (कॉल ड्रॉप) की बढ़ती समस्या पर चिंता जताते हुए सेवाओं में जल्द से जल्द सुधार लाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने मौजूदा टॉवरों पर सेवाओं के बढ़ते भार को ध्यान में रखते हुए नए टॉवरों के लिए टेलीकाॅम कंपनियों के विभिन्न विभागों में लंबित आवेदनों की समीक्षा भी की। डॉ गर्ग ने बैठक में उपस्थित सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी प्राप्त आवेदनों का समयबद्ध तरीके से निपटारा करें। यदि आवेदन संबंधी औपचारिकताओं में कमी है तो कारण स्पष्ट करें, लेकिन उन्हें ज्यादा समय तक लंबित ना रखें। उन्होंने कहा कि राइट टू सर्विस एक्ट में आवेदनों का निपटारा करने की समय सीमा 45 दिन निर्धारित की गई है, ऐसे में विभागीय अधिकारी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह निर्धारित समय अवधि में लंबित आवेदन का निपटारा करें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन टेलीकाॅम कंपनियों का सहयोग करने को तैयार है लेकिन कंपनियों का भी यह उत्तरदायित्व बनता है कि वे आमजन को अपेक्षा अनुरूप बेहतर मोबाइल सेवाएं प्रदान करें। उपायुक्त ने गुरूग्राम के नगराधीश दर्शन यादव को निर्देश देते हुए कहा कि वे टीम बनाकर ज्यादा समय से लंबित आवेदनों की सूची तैयार करते हुए जल्द से जल्द उनका निपटारा करवाना सुनिश्चित करें। -ऐसे चेक करें टावर का रेडीएशन स्तर- कई लोगों में मोबाइल टावर आदि लगाने को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं कि मोबाइल टावर से निकलने वाले रेडीएशन से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है लेकिन ऐसा बिल्कुल नही है। बैठक में बताया गया कि मोबाइल टावर के रेडीएशन का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने संबंधी आज तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नही मिला है, इसलिए लोग अफवाहों पर ध्यान ना दें। किसी नागरिक को यदि अपने नजदीकी मोबाइल टावर का रेडीएशन स्तर जांचना है तो वह www.tarangsanchar.com वेबसाइट पर जाकर यह कार्य कर सकता है। फिर भी यदि संतुष्टि नहीं होती है तो निर्धारित फ़ीस जमा करवाकर रेडीएशन का लेवल चेक करवाया जा सकता है। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, नगराधीश दर्शन यादव सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी व टेलीकॉम कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे। Post navigation राज्य सरकार ने रैपिड एंटीजन टेस्ट के रेट 250 रूप्ये से घटकर किए 50 रूपये पूरे जाट समाज पर जुर्माना लगवाने (लगाने) वाले जाटों के भरोसे भाजपा