पेयजल के कनेक्शन किए नहीं और वसूली के पहुंच गए बिल.
यह मामला पटौदी हलके के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला का.
ऐसे व्यक्ति के नाम कनेक्शन जो 15 वर्ष पहले स्वर्ग सिधारा.
सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी में हुआ खुलासा.
कथित रूप से 17 लाख रुपए के करीब किया गया घोटाला

फतह सिंह उजाला

पटौदी । हरियाणा में बड़े गर्व के साथ कहा जाता है दूध दही का खाना । लेकिन लगता है न तो अब दूध बचा मैं दही बचा।  अक्सर घोटाले के मामले ही अब बाहर निकल कर आते दिखाई दे रहे हैं और यह कथित घोटाला भी ऐसा है कि यहां आपसी मिलीभगत करके पानी से पैसे बनाने का खेल खेल लिया गया। अब ग्रामीणों के पास वसूली के लिए बिल भी पहुंच रहे हैं , यह बिल हैं पेयजल कनेक्शन के बाद इस्तेमाल किए गए पीने के पानी के बदले में भुगतान के लिये। यह पूरा मामला पटौदी विधानसभा क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला का है ।

घोटाले का पर्दाफाश आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के बाद हो सका है। इस पूरे खेल में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी और ठेकेदार अपनी जवाबदेही से चाह कर भी नहीं बच सकते हैं । हालांकि अधिकारियों ने अपनी जवाबदेही से बचने के लिए ग्रामीणों को जो कनेक्शन पेयजल के दिए अथवा किए उनसे संबंधित दस्तावेज गुम होने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। सरकार की महत्वकांक्षी योजना जल जीवन मिशन के तहत गांव बोहड़ाकला में लगभग 650 घरों में पेयजल कनेक्शन का काम किया गया । यह काम कब और कैसे पूरा हुआ तथा ग्रामीणों के घर में पेयजल की आपूर्ति भी हो गई । ग्रामीण उस वक्त सकते में पड़ गए जब पेयजल के इस्तेमाल किया जाने के बदले वसूली के लिए जन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बिल पहुंचाए गए । कमाल की बात तो यह है कि ऐसे व्यक्ति के नाम भी पेयजल कनेक्शन किया गया जोकि 15 वर्ष पहले स्वर्गवासी हो चुका है। पेयजल के बिल पहुंचने के बाद जागरूक ग्रामीणों को कुछ शक हुआ । इसके बाद में नीरज चौहान ने आरटीआई के माध्यम से जल जीवन मिशन योजना के तहत किए गए पेयजल कनेक्शन के विषय में विभाग से जानकारी मांगी। जब सभी संबंधित दस्तावेज विभाग के द्वारा उपलब्ध करवाए गए , उन्हें देखकर ही इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ।

राज्य सरकार और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गांवों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जल जीवन मिशन के तहत योजना लागू की गई । इसी योजना के तहत गांव बोहड़ाकला में 17 लाख 55 हजार की लागत से 658 पेयजल कनेक्शन ग्रामीणों के किए जाने का विभागीय दस्तावेजों में दावा किया गया । स्थानीय ग्रामीणों में नीरज चौहान, जयप्रकाश, कैलाश देवी , विनोद, सिकंदर, मनीष व अन्य के मुताबिक जितने कनेक्शन किया जाना विभाग के द्वारा दावा किया गया है , उसके मुकाबले में मुश्किल से 8 या 10 कनेक्शन ही पेयजल के किए गए होंगे । जानकारी के मुताबिक इस योजना के तहत जो कनेक्शन ग्रामीणों को दिए गए , उसका किसी प्रकार का खर्चा उपभोक्ता ग्रामीणों से नहीं लिया गया । संबंधित योजना के तहत सारा खर्चा हरियाणा सरकार और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के द्वारा ही किया गया।

ग्रामीणों के मुताबिक पानी के पाइप के टुकड़े और टोटी घरों में देकर कहा गया कि जल्द ही करेक्शन पानी के लिए कर दिए जाएंगे , लेकिन यह काम पूरा नहीं किया गया । स्थानीय निवासी विनोद के मुताबिक इस पूरे मामले में अनेक ग्रामीणों के द्वारा अपने अपने शपथ पत्र जन स्वास्थ्य विभाग को सोपे जा चुके हैं । वही हैरान करने वाली बात यह भी सामने आई है कि एक व्यक्ति जिसका 15 वर्ष पहले स्वर्गवास हो चुका है , विभाग के द्वारा जारी किए गए पेयजल कनेक्शन के दस्तावेजों में मृतक व्यक्ति के फर्जी हस्ताक्षर किए गए । जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी के कनेक्शन के लिए जो भी कुछ खर्चा और कार्य होना था , वह सब जन स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ही पूरा किया जाना था । इसमें मुख्य पानी की पाइप लाइन से लेकर घर तक पानी पहुंचाने के लिए टोटी लगाना शामिल है ।

हालांकि इस मामले की जांच के लिए जन स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बोहड़ाकला गांव में पहुंचे और विभिन्न लोगों से जानकारी प्राप्त की, जिनके द्वारा शपथ पत्र दिए जा चुके हैं । सूत्रों के मुताबिक ऐसे में जब विभाग के अधिकारियों को महसूस हुआ कि जांच होने पर गाज गिर सकती है , तो बचाव के लिए रास्ता निकालते संबंधित प्रोजेक्ट के दस्तावेज गुम होने की ऑनलाइन पुलिस शिकायत दर्ज करवा अपना पल्ला झाड़ लिया। ग्रामीणों की मांग है कि इस पूरे घोटाले की मुख्यमंत्री उड़न दस्ते के द्वारा या फिर किसी वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा जांच की जानी चाहिए। जिससे कि सरकारी योजना के नाम पर ग्रामीणों के साथ कथित धोखाधड़ी कर जो घोटाला किया गया है, उसकी जवाबदेही सुनिश्चित कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही अमल में लाई जा सके ।

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