दो दिन पहले एसडीएम का हवाला देकर ही चलाई गई जेसीबी. पालिका प्रशासन और पीडब्ल्यूडी के बीच नहीं दिखा का तालमेल. गरीब दुकानदारों का जेसीबी चलाकर किया लाखों का नुकसान. अब पटौदी एसडीएम को लिखा गया है टीन शेड नहीं हटाई जाए. बुधवार को बैठक में पटौदी पालिका हाउस में किया प्रस्ताव पास फतह सिंह उजाला पटौदी । अब यह बात तो पटौदी नगर पालिका प्रशासन और पटौदी के एसडीएम ही जानते हैं कि दो दिन पहले अतिक्रमण हटाने के नाम पर पटौदी शहर में दुकानों के आगे टीन शेड पर चलाई गई जेसीबी के आदेश नगर निगम आयुक्त के थे, पटौदी एसडीएम के थे या फिर किसी सक्षम अदालत के द्वारा आदेश दिए गए थे । लेकिन 48 घंटे बाद ही जो कुछ नया मामला सामने निकल कर आया है , उससे यही साबित होता है कि पटौदी नगर पालिका प्रशासन और चुने हुए सभी जनप्रतिनिधियों ने पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार की आम लोगों और दुकानदारों के बीच किरकिरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी । बुधवार को पटौदी नगर पालिका के चेयरमैन चंद्रभान सहगल की तरफ से पटौदी के एसडीएम को पत्र क्रमांक एमसीपी/2022 /142 के माध्यम से लिखित में कहा गया है कि पटौदी शहर के मुख्य मार्गों पर दुकानदारों की दुकानों के सामने लगी हुई टीन शेड को नहीं हटाया जाए । इसके विपरीत दो दिन पहले भारी पुलिस बल को लेकर पटौदी पालिका के सचिव राजेश मेहता, एम ई नरेंद्र तनेजा, भारी पुलिस बल बल के साथ पीला हाथी लेकर पहुंच गए और ताबड़तोड़ सड़क किनारे बने पीडब्ल्यूडी विभाग के ड्रेनेज के पीछे दुकानों के सामने लगाई गई टीन शेड को तोड़ना आरंभ कर दिया इस। तोड़फोड़ में एक दुकानदार का करीब 100000 का नुकसान भी हो गया । दुकानदारों की मानें तो नगर पालिका पटौदी प्रशासन की तरफ से इस प्रकार की कार्यवाही किया जाने से पहले किसी भी दुकानदार को कोई भी लिखित में नोटिस जारी नहीं किया गया । जिसमें यह बताया गया है कि जो तोड़फोड़ की जा रही है वह किस सक्षम अधिकारी के निर्देश पर है। नगर निगम कमिश्नर के निर्देश पर है या फिर किसी सक्षम कोर्ट के आदेश के बाद ही जेसीबी चलाई जा रही है । इसका जब स्थानीय दुकानदारों में पटौदी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन राजकुमार मुदगिल , सुनील कुमार दोचानिया, सैनी मिष्ठान के संचालक अंजू सैनी के पुत्र गौरव सैनी अन्य लोगों – दुकानदारों के द्वारा विरोध किया गया तो पटौदी नगर पालिका प्रशासन का तोड़फोड़ दस्ता दुकानदारों के सवालों के संतोषजनक जवाब दिए बिना ही सरकारी गाड़ियों में बैठकर मौके से रफूचक्कर हो लिया । इसके बाद बदले घटनाक्रम ने बुधवार को पटौदी नगरपालिका कार्यालय में ही पालिका पार्षदों की एक बैठक आहूत की गई । इस बैठक में सभी चुने हुए पालिका पार्षदों ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि पटौदी शहर के मुख्य मार्गों पर दुकानदारों की दुकानों के आगे जो भी टीन शेड इत्यादि लगाए गए हैं, उनके साथ में तोड़फोड़ नहीं की जाए । इसका मुख्य कारण बताया गया है कि यह सभी टीम शेड इत्यादि पीडब्ल्यूडी विभाग -भवन एवं सड़क- के द्वारा बनवाए गए ड्रेनेज-नाले से बहुत पीछे हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे किसी भी प्रकार यातायात ने तो प्रभावित हो रहा है और ना ही लोगों को आने जाने में कोई परेशानी हो रही है । इस संबंध में पटौदी नगर पालिका चेयरमैन चंद्रभान सहगल की तरफ से पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को पत्र प्रेषित किया गया है और इस पत्र पर पटौदी सब्जी मंडी प्रधान देशराज, नगर पालिका प्रधान चंद्रभान सहगल, पालिका वाइस चेयरमैन जर्मन सैनी, पार्षद कैलाश चंद, पार्षद मुनफेद अली, पूर्व पालिका चेयरमैन राजकुमार मुदगिल, महिंद्र, प्रधान व्यापार मंडल रतिराम, सहित अन्य के द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं । अब ऐसे में लाख टके का सवाल यह है कि जो दो दिन पहले तोड़फोड़ की गई , उस वक्त पालिका प्रशासन के अमले के द्वारा कहा गया कि यह तोड़फोड़ पटौदी के एसडीएम के आदेश पर की जा रही है । आखिर ऐसा 48 घंटे में क्या हुआ कि पटौदी नगर पालिका प्रशासन , पालिका सचिव और तमाम चुने हुए जनप्रतिनिधि पार्षद पूरी तरह से बैकफुट पर चले गए। अवैध वसूली का आरोपपटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को चंद्रभान सहगल पटौदी पालिका प्रधान की तरफ से प्रेषित पत्र में कहा गया है कि पटौदी शहर में ही कुछ दुकानदार अपनी दुकानों के सामने रेहड़ी पटरी पट्टी खोमचे इत्यादि लगाकर उनका मोटा किराया भी वसूल कर रहे हैं । कथित रूप से यह किराया प्रतिदिन के हिसाब से ही वसूल किया जाता है । एसडीएम प्रदीप कुमार से पालिका प्रशासन के द्वारा अनुरोध किया गया है कि दुकानों के सामने रेहडी तखत पट्टी खोमचा इत्यादि जोकि पीडब्ल्यूडी विभाग भवन एवं सड़क के द्वारा बनवाया गया नाला है , उसके ऊपर तथा सड़क पर इन सब के द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। एसडीएम अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इस प्रकार के तमाम अतिक्रमण को मुक्त करवाए। वेंडर्स को दी जाए राहतपटौदी नगर पालिका प्रधान चंद्रभान सहगल सहित सभी पार्षदों के द्वारा पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि वेंडर जो कि छोटे रेहड़ी खोमचे इत्यादि वाले दुकानदार हैं, उनको परेशान नहीं किया जाए । क्योंकि बी के करीब 2 वर्ष से कोरोना महामारी के कारण लंबे लॉकडाउन ,जल्द बाजार बंद होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा है । ऐसे दुकानदार प्रतिदिन उधार सामान लाकर बेचने के बाद उधारी चुका का जो कुछ बचता है उसी से अपना घर परिवार का गुजारा चला रहे हैं । पटोदी के एसडीएम प्रदीप कुमार से अनुरोध किया गया है कि पटौदी के मुख्य चौराहे के चारों तरफ लगने वाले जाम की समस्या के समाधान के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाए, जो कि इस समस्या का स्थाई समाधान निकाल सके। Post navigation लोहे की रॉड और कुल्हाड़ी से हमला के बाद मौत …दूध दही का खाना और पानी से पैसा बनाने का कारनामा