सरकार व प्रशासन का महज दिखावा धरातल पर नहीं गौवंशों का कोई सहारा चरखी दादरी जयवीर फोगाट 11 जनवरी – कड़ाके की सर्दी के मौसम का आरंभ होते ही असहाय घूमने वाले गौवंशों पर आफत टूट पड़ती है। शायद कोई ऐसी सर्दी जाती हो जिसमें बेजुबान गोवंशों को शीत लहर और लावारिस कुत्तों के आतंक के कारण अपनी जान न गवानी पड़ती हो। इस वर्ष भी कड़ाके की सर्दी शुरू होते ही यही आलम एक बार फिर नजर आया जहां सैक्टर 8 मे असहाय गौवंशों की मौत हो गई है। इसकी सूचना मिलने पर गौ भगतो ने मौके पर पहुंच कर इनके मृत शरीर को जे, सी, बी की सहायता से नगर के निकटवर्ती खेतो में मिट्टी देने का काम किया। गोभक्तो द्वारा सुबह मिट्टी देने के लिए आरंभ किया गया और देर रात्रि तक जारी रहा। रिंपी फौगाट उनकी टीम ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है बल्कि हर बार कड़ाके की ठंड के दौरान यही कहानी दोहराई जाती है। हर बार सरकार व प्रशासन अगले साल ऐसी स्थिति न आने देने के लिए आश्वासन देते है लेकिन धरातल पर काम नहीं होता। लावारिस गौवंशों के लिए बड़े स्तर पर कार्य किए जाने की बात तो सरकार कहती है लेकिन हकीकत हम सभी के सामने हैं, प्रशासन व सरकार को इस विषय में अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझना चाहिए व लावारिस गौवंशों के बचाव हेतु ठोस कदम उठाने चाहिए। Post navigation आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स की मांगें पूरी करे सरकार : राजू मान प्रदर्शन के बाद सैकड़ों आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने दी गिरफ्तारी