कितलाना टोल पर धरने के 340वें दिन राजा महेन्द्र प्रताप सिंह की जयंती पर किसानों ने अर्पित किये श्रद्धासुमन

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 1 दिसम्बर,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे किसान आन्दोलन में सभी मांगे माने जाने पर ही जीत हासिल करके किसान घर वापसी करेंगे। यह बात दादरी से निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप चालीस के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कितलाना टोल पर धरने को सम्बाेधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि निहित स्वार्थों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर किसान विश्वास न करें और 4 दिसम्बर को संयुक्त किसान मोर्चे की महत्वपूर्ण बैठक होगी जिसमें आन्दोलन की आगामी रूपरेखा घोषित की जाएगी। उनके अनुसार पूरी सफलता प्राप्ति तक सभी खापें आन्दोलन को समर्थन जारी रखेंगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द करवाकर सकारात्मक कदम उठाया है अब आगे भी आन्दोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा से बातचीत करके बाकी मांगों पर विचार करते हुए उन्हें स्वीकार करना होगा तभी किसान खुशी खुशी घर वापसी करेंगे।

कितलाना टोल पर राजा महेन्द्र प्रताप सिंह को उनके 135 वें जन्म दिन पर किसानों द्वारा उनको याद किया गया और उन्हें स्वतत्रता आन्दोलन का महान योद्धा बता उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। धरने को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के जिला कार्यकारी सचिव कामरेड ओम प्रकाश ने कहा कि गुलाम भारत की पहली निर्वासित सरकार राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में काबुल में 1915 में बनाई गई थी और उनको राष्ट्रपति बनाया गया था। उन्होंने अपनी पूरी जमीन जायदाद व सम्पति गरीबों के उत्थान के लिए लगा दी। वे हिन्दु-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे और प्रेम धर्म की स्थापना की थी।

किसानों के कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने के 340वें दिन सांगवान खाप चालीस से नरसिहं सांगवान डीपीई, सर्वजातीय श्योराण खाप पच्चीस से बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा से रणधीर सिढ़ान, चौ० छोटूराम डा० अम्बेडकर मंच से बलबीर सिंह बजाड़, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से सुखदेव पालवास, किसान महिला मोर्चा से रतनी, नन्हीं,चन्द्रकला, लक्ष्मी, कृष्णा डोहकी, बिमला कितलाना, कामरेड ओमप्रकाश, किसान नेता रणधीर घिकाड़ा, सुरजभान झोझू, अजीत बोडी धनाना, राजबाला धनाना, रणधीर घिकाड़ा, सुशीला धनाना, सुबेदार सतबीर सिंह, राजकरण सरपंच पांडवान, महीपाल आर्य छ्पार, अब्दुल अली, जयपाल जांगड़ा, रमेश शर्मा, रामानन्द धानक, ईश्वर दातोली, प्रताप सिंह सिंहमार, मास्टर सुरेन्द्र गोरीपुर, करतार चरखी समेत इत्यादि मौजूद थे।

error: Content is protected !!