कितलाना टोल पर धरने के 332वें दिन बॉर्डर कूच को लेकर हुई चर्चा चरखी दादरी जयवीर फोगाट 23 नवम्बर, कितलाना टोल पर बुधवार को मनाई जाने वाली चौधरी छोटूराम जयंती तीन काले कानूनों के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रहे किसान-मजदूरों की एकजुटता का खूबसूरत नजारा पेश करेगी। यह बात किसान सभा के रणधीर कुंगड़ ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर टोल पर पूर्व सांसद और आजाद हिन्द फौज की झांसी रेजिमैंट की कैप्टन लक्ष्मी सहगल की बेटी सुभाषणी अली सहगल आएंगी जो वर्तमान में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपप्रधान होने के साथ जानी मानी लेखक भी हैं। रिटायर्ड कर्मचारी संघ के हरबीर सांगवान ने कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान कई बार लोगों को बांटने और दबाने के प्रयास किये हैं लेकिन तीन काले कानूनों की असलियत जानकर किसान और मजदूरों ने एक दूसरे का हाथ थाम रखा है और निरंतर इनके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले जनता से ढेरों लोक लुभावने वायदे करने वाले भाजपा और जजपा के नेता सत्ता मिलने के बाद चुप्पी साधे हुए है और जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल के धरने पर 332वें दिन सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप से बिजेंद्र बेरला, चौगामा खाप से रणसिंह नीमड़ीवाली, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से हरबीर सांगवान, युवा कल्याण संगठन से सुभाष यादव, किसान सभा से रणधीर कुंगड़, चौधरी छोटूराम डॉ भीमराव अंबेडकर मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण, महिला नेत्री मामकौर, विद्या देवी, संतरा, कृष्णा ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर 26 नवंबर को बड़ी संख्या में किसान मजदूर दिल्ली बॉर्डर के लिए कूच करेंगे। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, सुरेंद्र कुब्जानगर, जागेराम डीपीई, सूबेदार जगबीर सौंफ, राजेंद्र सिंह, करतार सिंह चरखी, सत्यवान कालुवाला, नंदलाल अटेला, रामानंद सरपंच, रामफल, छाजूराम, राजपाल, शमशेर, सुरेन्द्र, रामेश्वर, शमशेर नम्बरदार, कर्ण सिंह, चेतराम, जयसिंह, विनोद, रमेश शर्मा, कुलदीप, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, सूबेदार सत्यवीर इत्यादि मौजूद थे। Post navigation बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के लिए केंद्र के साथ हरियाणा सरकार दोषी : राजू मान सरकार के उदासीन रवैया के चलते जन समस्याओं का लगा अंबार : राजू मान