चरखी दादरी जयवीर फोगाट
19 अक्टूबर,किसान काफी लंबे समय से सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे। इन कानूनों को केंद्र सरकार द्वारा वापिस लेने की बात कही गई है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरू नानक जयंती अवसर पर देश के नाम संबोधन के जरिए इस बात पर सार्वजनिक रूप से मोहर लगा दी है, यह किसानों की जीत है। केंद्र सरकार को किसानों की ताकत का पता चल गया, वो अच्छी तरह से जान व समझ चुकी है कि भारत देश का किसान जब अपने हकों की आवाज के लिए लामबद्ध हो जाता है तो सैनिक की भांति डट कर न सिर्फ विरोध करता है, बल्कि शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात को मनवा कर ही दम लेता है। यह बात दादरी निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने आज अपने कैंप कार्यालय में किसानों की जीत पर देश प्रदेश के सभी किसानों को उनकी लड़ाई में जीत तथा गुरू नानक जयंती पर्व की बधाई देते हुए कही।
उन्होंने कहा कि हमारे देश की भूमि पर तपस्या की पुरानी परंपरा है, किसान भी पिछले एक साल से देश के अलग अलग हिस्सों में अन्याय के खिलाफ तपस्या पर बैठे है, इतिहास गवाह है कि जो सही बात व उद्देश्य के लिए तप करता है उनको जरूर सफलता प्राप्त होती है। आज किसानों की मेहनत का फल प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के किसानों का आंदोलन आज तक के अंतर्राष्ट्रीय इतिहास में भूमि पुत्रों की सबसे बड़ी लड़ाई के रूप व उसकी जीत के साथ दर्ज हो गया है। हमारे किसानों ने दिखा दिया है कि जब पूरे देश के अन्नदाताओं के खिलाफ कुछ गलत होता है तो वो कमर कस कर मैदान में कूद पड़ने के लिए हमेशा तत्पर रहता है।
इस आंदोल की जीत के बड़े मायने है, यह एक ऐसा कदम साबित होगा जिससे आने वाले समय में अन्य देशों के किसान भी प्रेरणा स्त्रोत के रूप में ग्रहण करेंगे। सारे विश्व में संदेश गया है कि किसान कही से कमजोर नहीं होते, जरूरत पड़ने पर वो सीमा के सैनिक की तरह डट कर
मुकाबला करते है, इस जीत से भारत के किसानों का कद पूरे संसार में उंचा हो गया है। इस अवसर पर रामनिवास सांगवान, पूर्व जिला पार्षद रामकिशन मानकावास, नत्थूराम फौगाट, ओमबीर, शमशेर चरखी, कुलदीप सिंह, आजाद मिर्च, रामफल फौजी, रणबीर खेड़ी बूरा, महेंद्र सिंह फतेहगढ, परमीत इत्यादि मौजूद थे।