कितलाना टोल पर आंदोलन के एक वर्ष पूरा होने पर 26 नवम्बर की तैयारी हेतु गांवों में सभाएं करने का ऐलान

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

13 नवम्बर,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पिछले वर्ष 26 नवम्बर से शुरु हुआ किसान आन्दोलन लम्बा जरूर हो गया है लेकिन भाजपा सरकारों की जुल्म व ज्यादतियों का सामना करते हुए मजबूती पकड़ता जा रहा है। तमाम खापों व किसान मजदूर संगठनों ने निर्णय लिया है कि वे आगामी 26 नवम्बर की तैयारी हेतु गांव गांव में जाकर सभाएं करेंगे तथा 36 बिरादरी के किसान मजदूरों, महिलाओं, नौजवानों व छात्रों से सम्पर्क करते हुए ज्यादा से ज्यादा ट्रेक्टर व महिला पुरूष दिल्ली बार्डरों पर पहुंचाने का काम करेंगे। यह घोषणा कितलाना टोल पर चल रहे धरने को सम्बोधित करते हुए विभिन्न खाप व किसान संगठनों के नेताओं ने की है। उन्होंने कहा कि 14 नवम्बर को जींद में अगामी कार्यक्रम की तैयारी हेतु महिला किसानों की एक कन्वेशन जींद में होगी तथा 16 नवम्बर को पुरुष किसानों की कन्वेशन भी जींद में होगी जिसमें हजारों पुरूष व महिला किसान शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि किसान आन्दोलन इतना ज्यादा आगे बढ़ गया कि जब तक तीनों कृषि विरोधी काले कानून रद्द नहीं होंगे और एमएसपी की संवैधानिक गांरटी नहीं होगी तब तक उनके लिए वापिस हटना मुमकिन नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को क्रोनी पूंजीवाद में धकेल रही है जिसके चलते बड़े कारपोरेटस, भ्रष्ट राजनीतिज्ञ और अफसरशाही मिलकर जनता के संसाधनों को लूट रहे हैं और जनता को कंगाली की तरफ धकेला जा रहा है। अब लोग इन जुल्मों के विरूद्ध उठ खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता और मजदूर सरकार की किसी ज्यादती या धमकी से डरने और दबने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूरों की एकजुटता ने सरकार की आंखें खोल कर रख दी हैं।

कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 323वें दिन सांगवान खाप चालीस के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई, सर्वजातीय श्योराण खाप पच्चीस के बिजेन्द्र बेरला, किसान सभा के मुन्ना पंडित, युवा कल्याण संगठन से राजू गोरीपुर, किसान मजदूर सभा से जयपाल जांगड़ा, पूर्व कर्मचारी नेता हरबीर सांगवान, महिला नेत्री मामकौर, सन्तरा, लक्ष्मी डोहकी व कृष्णा गोरीपुर ने संयुक्त रूप से की।इस अवसर पर सुरजभान सांगवान कन्नी प्रधान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, नन्दलाल अटेला, मन्शाराम साहूवास, करतार चरखी, सुरजभान पैंतावास खुर्द, शमशेर सांगवान, जयसिंह सिहाग, जगदीश हुई, ओम प्रजापति, राजविरेन्द्र कालूवाला, मौजीराम गोरीपुर, सुबेदार सतबीर सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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