आशा वर्कर यूनियन के पदाधिकारी, सदस्यों ने मांगों को लेकर सरकार के नाम सीएमओ को सौंपा ज्ञापन।
मांगे ने मांनी गई 11 नवंबर से प्रदेश की सभी आशा वर्कर कोरोना से संबंधित कार्यों का पूर्णता बहिष्कार करने का दिया अल्टीमेटम

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

11 अक्टूबर,आशा वर्करज यूनियन के पदाधिकारियों, सदस्यों द्वारा आज एनएचएम के कर्मचारियों के बारे की गई वेतन बढ़ौतरी की घोषणा में आशा वर्कर्स को भी शामिल करने तथा अन्य लंबित मांगों को लेकर स्थानीय सिविल अस्पताल में धरने के बाद नगर में रोष प्रदर्शन करते हुए सिविल सर्जन को कार्यालय में उनके माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को प्रेषित करवाया ज्ञापन सौंपा। प्रेमपती प्रधान, राजवती, राजवंतीज्ञापन सौंपते हुए उन्होंने ने कहा कि गत 2 नवम्बर 2021 को एनएचएम में कार्यरत सभी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का तोहफा दिया गया है। यह सराहनीय है परंतु इसी परियोजना में कार्यरत आशा वर्कर्स को इस घोषणा में अनदेखा किया गया है। सब जानते हैं कि कोरोना महामारी से लड़ने में आशा वर्कर्स ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

कोरोना के तमाम सर्वे करने, संक्रमितों की पहचान करने, उन्हें आइसोलेट करने, उनके घरों तक दवाइयां पहुंचाने के अत्यंत महत्वपूर्ण काम आशा वर्कर्स ने किए हैं। कोविड-19 वैक्सीनेशन में भी आशा वर्कर्स ने अपनी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है जो अभी भी जारी है। आशा वर्कर्स ने न केवल वैक्सीनेशन सेंटर्स तक लोगों को लाने का काम किया है बल्किं वैक्सीनेशन कैंप में भी एनम के कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। टीकाकरण समेत अन्य ऑनलाइन एंट्रीज और अन्य काम भी आशा वर्कर्स ने बखुबी किए हैं। महामारी में और आज भी आशा वर्कर्स फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में पूरी ईमानदारी और लग्न के साथ काम कर रही हैं। महामारी के दौरान ही कई आशा वर्कर का करते हुए संक्रमित हुई और मृत्यु का ग्रास बनी, जिन्हें अभी तक कोई मुआवजा भी नहीं दिय गया। आशा वर्कर्स द्वारा किए गए कार्य को प्रदेश और देश में सराहा गया है।

इस दौरान सातवे वेतन आयोग का लाभ, आशा वर्कर्स की भी वेतन बढ़ोतरी करके प्रदेश भर की तमाम 20000 आशा वर्कर्स का सम्मान बढ़ाया जाए। आशा वर्कर्स भी एनएचएमटी महत्वपूर्ण कड़ी है और स्वास्थ्य विभाग की रीड की हड़ी की तरह से काम कर रही है। एनएचएम के अन्य कर्मचारियों की तर्ज पर आशा वर्कर्स की वेतन एवं प्रोत्साहन राशियों में बढ़ोतरी की जाए। कोविड 19 के संक्रमण से मृत्यु होने पर आशा वर्कर के परिवारजनों को पचास लाख का बीमा दिया जाए और चार जोखिम भत्ता दिया जाए। जुलाई 2021 के पत्र के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा पांच रू की घोषणा का दृढला से पालन करते हुए बिना किसी शर्त के आशाओं के खाते में भेजा जाए। कोविड डयूटी के लिए आशा वर्कर्स को दिए जा रही हजार रू प्रोत्साहन राशि को जारी रखा जाए और हजार रू का 60% भी तुरंत लागू किया जाए और दर लागू करने की तिथि सेदिया जाए जिसकी फाइल लंबे समय से मुख्यमंत्री के पास विचाराधीन है। साल 2017 में प्रधानमंत्री द्वारा हजार की बजाए दो हजार देने की घोषणा का साल 20 का अप्रैल से पहले का एरियर तुरंत दिया जाए। आठ एक्टिविटी का काटा गया 50% भी तुरंत वापस लागू किया। गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना की शिकार आशाओं को सरकार के पैनल अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए।

आशाओं को स्थाई कर्मचारी बनाया जाए द्य जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए और इसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए। ईएसआई एवं पीएफ की भी सुविधा दी जाए। दस आशा फैसिलिटेटर्स के काम में लगातार इजाफा किया जा रहा है जबकि उनको उनके काम के बदले में केवल टीएडीए दिया जा रहा है। आशा फैसिलिटेटर को भी उनके काम के बदले इंसेंटिव्स और मानदेय दिए जाएं। आशा वर्कर्स को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए। सभी आशा वर्कर्स को रिटायरमेंट लाभ दिए जाए। रिटायरमेंट की उम्र 65 साल की जाए। रिकार्ड मेंटेनेंस के लिए आशा एक्टिविटी के अलग-अलग रजिस्टर कर दिए जाएं।

धरने के दौरान अपने साथ हो रहे अन्याय को लेकर अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 11 नवंबर से प्रदेश की सभी आशा कोरोना से संबंधित सभी कार्यों का बहिष्कार करेगी। जब तक कोरोना की हजार रू प्रोत्साहन राशि एवं उसका 50% नहीं दिया जाता है तब तक कोरोना से संबंधित सभी कार्यों का बहिष्कार जारी रहेगा।

इस दौरान डिपो प्रधान कृष्ण, पीटीआई राज्य प्रधान धर्मेंद्र, राज्य उपप्रधान कमलेश भैरवी चंद्रमुखी, राजवंती, कृष्णा, सुमिता ,प्रमिला, सुनिता, बाला,अंतु ने विचार रखे।

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