चरखी दादरी जयवीर फोगाट
10 अक्टूबर,आंगनबाडी वर्कर एंड हैल्पर यूनियन दादरी इकाई द्वारा अपनी मांगों, समस्याओं को लेकर नगर में प्रदेर्शन के उपरांत स्थानीय कोर्ट काम्लेक्स में ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान अन्य कर्मी यूनियन से आए हुए साथियों ने उनकी मांगों को जायज बताते हुए जल्द से जल्द परेशानियों को दूर करवाने के लिए पुरजोर तरीके से आवाज उठाई।
जिला प्रधान सुनीता रानी रामबास की अगुवाई मं प्रदर्शन किया गया। जोरदार नारेबाजी के साथ नगर के अलग अलग मार्गों से आंगनबाडी यूनियन, कर्मचारियो ने सरकार के दमनकारी नीतियों का विरोध जताया। ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आन्दोलनरत है। इस बीच आपसे भी कई दौर की वार्ता हुई लेकिन अभी तक हमारी मांगो का कोई समाधान नहीं निकला। विभाग द्वारा जो हालात पैदा किए जा रहे हैं, उसके चलते हमें मजबूरन लगातार आन्दोलन पर आने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। हम अनिश्चितकालीन हड़ताल समेत आन्दोलन का कोई भी कदम उठा सकते हैं।
प्रमुख मांगे आंगनवाड़ी वर्कर्स वह हैल्पर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक न्यूनतम वेतन 24000 रू0 लागू किया जाए। 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भते की तमाम किस्त मानदेय में जोड़कर दी जाए। महंगाई भते का बकाया ऐरियर भी तुरंत दिया जाए। हैल्पर के पदनाम को बदला जाए। विभाग द्वारा बिना फोन व अन्य संसाधन दिए वर्कर्स पर ऑनलाइन काम का दबाव बनाना बंद किया जाए व इस बारे माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना न की जाए।
प्रधानमंत्री द्वारा सिंतबर 2018 में की गई वर्कर्स व हैल्पर्स की 1500 एवं 750 रूपये की बढ़ौतरी को ऐरियर समेत दिया जाए। आंगनवाड़ी वर्कर्स को 5 लाख व हैल्पर्स को 3 लाख रूपये रिटायरमेंट लाभ दिया जाए। रिटायरमैट पैंशन लागू की जाए। आंगनवाड़ी वर्कर से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति को तुंरत लागू किया जाए। आगनवाड़ी केंद्रों का बढ़ा किराया ग्रामीण क्षेत्रका 2000, छोटे कस्बेध्शहर का 3000 कबह शहरी का 5000 रूपये लाग किया जाए। किराया कम देने पर संबंधित आधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाए।
आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को किसी भी विभागीय ट्रेनिंग या मीटिंग में बुलाने पर टीए व डीए दिया जाए। आगनवाड़ी वर्कर व हैल्पर को दर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्च व मृत्यु होने पर अन्य विभागों की तर्ज पर 3 लाख रूपये मुआवजा दिया जाए। वर्कर्स व हेल्पर्स की वर्दी की राशि बढ़े व सालाना कम से कम 1600 रूपये की जाए। नई शिक्षा नीति वापस हो। प्ले वे स्कल के नाम पर आईसीडीएस का निजीकरण ना किया जाए। आईसीडीएस में किसी भी एनजीओ या प्राइवेट संस्था को शामिल करने की अनुमति ना दी जाए। आईसीडीएस में खाली पड़े हैल्परों, वर्करों, सुपरवाईजरों, सीडीपीओ, पीओ आदि के तमाम पदों को भरा जाए ताकि विभाग के काम का संचालन ठीक प्रकार से हो। वकर और हैल्पर से आई सी डी एस की 6 सेवाओं तथा 5 उद्देश्य से अलग कोई कार्य न लिया जाए। फतेहाबाद, कैथल सहित अन्य जगहों पर आन्दोलन के दौरान आंगनवाड़ीकर्मियों पर। बनाए गए रोड जाम के मुकदमें निरस्त किए जाएं। सभी वर्कर्स एवं हैल्पर्स को ईएसआई एवं पीएफ के तहत कवर किया जाए व तुरंत इनके खाते खुलें। उन्होंने ऐलान किया कि 11 व 12 नवंबर को सभी साथी हडताल पर रहेंगे।
इस दौरान आशा वर्कर राज्य उपप्रधान कमलेश भैरवी, हेमसा जिलाध्यक्ष विजय लांबा, पीटीआई प्रधान धर्मेंद्र, सज्जन, सुनील बाढडा, सुनिता भैरवी, सुशीला, बिट्टू, प्रमिला पातुवास, अनिता साहुवास, रामतौरी बलाक प्रधान, जिला कोषाध्यक्ष चंद्रकला, निर्मला, रामदेई आदि शामिल थे।