कितलाना टोल पर धरने के 320वें दिन डीएपी की कमी का मुद्दा गूंजा

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

10 नवम्बर,सरकार किसानों को परेशान करने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दे रही यही वजह है डीएपी के लिए प्रदेशभर में थानों के बाहर किसानों की लंबी लाइनें लगी हैं। यह बात चौधरी छोटूराम डॉ भीमराव अंबेडकर विचार मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण ने कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। सरकार की लापरवाही के कारण आज महिलाओं को भी भूखे प्यासे कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। किसान बिजाई में देरी को लेकर परेशान हैं वहीं सरकार सत्ता के नशे में मस्त है। उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो किसान सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जागेराम बजाड़ डीपीई ने कहा कि केंद्र सरकार की बेरुखी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तीन काले कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष को 11 महीने से अधिक का समय बीत गया है लेकिन सरकार है कि अपनी वाजिब मांगों को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसानों से बात तक करने को राजी नहीं है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की शहादत होने के बाद भी देश के किसान मजदूर खुले मन से वार्ता करने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेशमात्र भी शर्म होती तो इस मसले का समाधान निकलते देर नहीं लगती।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल के धरने पर 320वें दिन सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, श्योराण खाप से जगदीश हुई, फोगाट खाप से धर्मबीर समसपुर, चौधरी छोटूराम डॉ भीमराव अंबेडकर विचार मंच से गंगाराम श्योराण, किसान सभा ओमप्रकाश दलाल, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से जागेराम बजाड़, महिला नेत्री रतन्नी देवी, विद्या देवी, कमला देवी, ओमली देवी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर ना थके और ना हारे हैं और तीन काले कानून रद्द करवाने के साथ एमएसपी की गारंटी लेकर रहेंगे। धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया।

इस अवसर पर सुरजभान झोझू, सुरेंद्र कुब्जानगर, धर्मेन्द्र छपार, ईश्वर कोंट, सुबेदार सतबीर सिंह, कप्तान रामफल डोहकी, निहाल सिंह, शमशेर, कृष्ण, रघबीर स्वामी पैंतावास कलां, श्योनारायण, साधुराम, सुरेश, बबलू मानकावास, मास्टर सुरेंद्र, राजबीर, मौजीराम, राजेंद्र जांगड़ा, ओम प्रजापति, जे. पी जांगड़ा, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, कुलदीप कितलाना इत्यादि मौजूद थे।

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