कितलाना टोल पर किसानों का अनिश्चितकालीन धरना 313वें दिन रहा जारी, महंगाई को लेकर सरकार को कोसा

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

03 नवंबर, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने पर वक्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के अहंकार के चलते आम जन मानस काली दीवाली मनाने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि तीन काले कानूनों के खिलाफ पिछले 343 दिन दिन से देश के किसान और मजदूर बेहद शांतिपूर्ण ढंग से जनांदोलन कर रहे हैं लेकिन दिल्ली में बैठे हुक्मरान सत्ता के नशे में चूर हैं। आंदोलन में 700 से ज्यादा किसान शहादत दे चुके हैं पर सरकार बात तक करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार में जरा सी नैतिकता होती तो जनवरी से बंद पड़ी वार्ता को शुरू कर तीन काले कानून रद्द करके एमएसपी की गारंटी देने की घोषणा करती। किसान कुछ मांग नहीं रहे हैं बल्कि जो कानून उन पर जबरदस्ती थोपे जा रहे हैं उन्हें वापिस लेने के लिये आग्रह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गैस और तेल की बढ़ी कीमतों ने सभी वर्गों के पसीने छुड़ा रखे हैं लेकिन सरकार कोई भी राहत नहीं दे रही।

हरियाणा सरकार भी केंद्र सरकार के पदचिन्हों पर है और बार बार किसानों पर लाठीचार्ज कर उनके धैर्य की परीक्षा ले रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की एकजुटता ने ऐलनाबाद उपचुनाव में सरकार को नाकों चने चबवा दिए और हर तरह का हथकंडा अपनाने के बावजूद उन्हें मुंह की खानी पड़ी। यही हाल बाकी के प्रदेशों में हुए उपचुनावों में हुआ। धरने का मंच संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया।

 कितलाना टोल के धरने पर 313वें दिन सांगवान खाप से नरसिंह सांगवान डीपीई, फोगाट खाप से धर्मपाल पूर्व चैयरमैन, सर्वजातीय श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेन्द्र बेरला, जाटू खाप से मास्टर राजसिंह जताई, किसान नेता गंगाराम श्योराण, मीरसिंह नीमड़ीवाली, अतर सिंह मास्टर व महिला नेत्री रोशनी खान, सुरजभान झोझू, सुरेन्द्र कुब्जानगर, रणधीर कुंगड़, कप्तान रामफल, सुबेदार सतबीर सिंह, शमशेर सांगवान, रामफल देशवाल, देशराम भाण्डवा, दिलबाग ढुल, राजबीर बोहरा, जयपाल खाती, सुलतान खान व ओम प्रजापति समेत अनेक किसान मजदूर शामिल थे।

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