चरखी दादरी जयवीर फोगाट 28 अक्तूबर,संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे आन्दोलन में लगातार धरने, प्रदर्शन व पंचायतें आयोजित की जा रही हैं, वहीं प्राकृतिक आपदाओं, बेमौसमी बारिश, कीट एंव कीड़ों की बीमारी ने भी किसानों को चारों तरफ से घेर रखा है, बाजरा, मूंग, कपास व धान की 70 प्रतिशत फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। उपर से सरकारों की किसान विरोधी नीतियों ने भी खेती को बर्बाद करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रखी है, सरकार द्वारा घोषणा करने के बाद भी बर्बाद फसलों की विशेष गिरदावरी करवाने में विलम्ब किया जा रहा है। रबी फसल की बुआई के लिए डीएपी खाद नहीं मिलने से किसानों को अच्छी खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, बेमौसमी बारिश से खेतों में कई गांव में पानी भरा हुआ हुआ है, रबी की फसल की बुआई को लेकर किसानों की रात की नींद हराम हो गई है। फिर भी किसान भगवान भरोसे होकर संघर्ष में दिन-रात जुटे हुए हैं, यह बात कितलाना टोल पर धरनारत्त किसानो ने कही। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को यह मालूम था कि रबी फसल के लिए डीएपी की कितनी मात्रा राज्य को जरुरत है, फिर भी समय पर उसने प्रबन्ध नहीं किए, उसकी इस लापरवाही का खामियाजा किसान वर्ग व समाज भुगत रहा है। धरने को सम्बाेधित करते हुए चौ० छोटूराम डा० अम्बेडकर मंच के जिला संयोजक गंगाराम स्योराण ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकारें अहम व जिद्दी पकड़े हुए हैं, जब तक इनकों राजनीतिक चोट नहीं लगेगी, तब तक इनको सदबूद्धि नहीं आएगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने इनको बंगाल में अभियान चलाकर हरवाने का काम किया और अब ऐलनाबाद में भाजपा जजपा उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएगा। आगामी चुनाव उतरप्रदेश व उतराखंड में किसान मोर्चा भाजपा को हराने का मिशन चलाएगा। कितलाना टोल धरने पर टिकरी बार्डर पर एक ट्रक द्वारा कुचलने से तीन महिला आन्दोलनकारियों की असामयिक निधन पर गहरा दुखः प्रकट किया तथा उनकी याद में दो मिन्ट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धाजंलि दी व शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट की गई। टोल पर लगातार चल रहे धरने की 307वें दिन भी रहा जारी। इस दौरान सांगवान खाप चालीस से नरसिंह सांगवान डीपीई, सर्वजातिय स्योराण खाप पचीस से राजकुमार हड़ौदी, किसान सभा से रणधीर कुंगड़, चौ० छोटूराम डा० अम्बेडकर मंच से गंगाराम स्योराण, युवा कल्याण संगठन से राजू गोरीपुर व रिटायर्ड कर्मचारी संघ से ओमप्रकाश दलाल, सुरजभान झोजू, सुरेन्द्र कुब्जा नगर, कप्तान रामफल डोहकी, नन्दलाल अटेला, प्रभाती लाल रानीला, प्रोफेसर जगविन्द्र सांगवान, शमशेर बड़ा पैतावास, मुन्ना पंडित चरखी, बुजनराम जांगड़ा, रमेश शर्मा, शब्बीर हुसैन, सुबेदार कंवर शेर चन्देनी, रघबीर अनुसूचित जति डोहकी, राजेन्द्र जांगड़ा कितलाना, धर्मबीऱ यादव व ओम प्रजापति डोहकी शामिल थे। Post navigation हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ वोकेशनल टीचर्स पर हुए बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज घोर निंदनीय… भाजपा सरकार किसान आन्दोलन को बदनाम करने से बाज आंए, बैठक करके समाधान निकालें : बिजेन्द्र बेरला