Category: हिसार

लोकसभा चुनाव से पहले अपनी जुबान के अनुसार 50 हजार भर्तियां करे मुख्यमंत्री – जयहिन्द

या तो बेरोजगारों की शादी करवाओ या उन्हें नौकरी दो -जयहिंद रौनक शर्मा हिसार – जयहिंद सेना प्रमुख नवीन जयहिन्द हिसार में CET भर्तियों को लेकर धरने पर बैठे छात्रों…

जन संदेश यात्रा ………… लोकतंत्र का मज़ाक उड़ाया नीतिश ने : सैलजा

कमलेश भारतीय बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने जो पल्टी मारी है, वह लोकतंत्र का मज़ाक है। यह लोकतांत्रिक परंपराओं की भी गिरावट है। यही नहीं यह अवसरवादिता की राजनीति…

क्या  “विदेश में सपने देखने का पासपोर्ट”  नए क्षितिज खोज पायेगा?

उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) की मदद से मुख्य रूप से निर्माण गतिविधियों के लिए इज़राइल जाने के लिए लगभग 10,000 श्रमिकों की भर्ती…

मेरी यादों में जालंधर- भाग चौबीस : हरियाणा से जुड़ा हिसार के रिपोर्टर से पहले रिश्ता….

कमलेश भारतीय फिर एक नया दिन, फिर एक न एक पुरानी याद ! पंजाब विश्विद्यालय की कवरेज के दिनों एक बार छात्रायें अपनी हाॅस्टल की वार्डन के खिलाफ कुलपति कार्यालय…

मोक्षाश्रम यहाँ दुखों की पोटलियां सुखों में बदल जाती हैं …..

कमलेश भारतीय मैं बात करने जा रहा हूँ – कैमरी रोड स्थित मोक्षाश्रम की, जिसकी संचालिका प्रसिद्ध समाजसेविका पंकज संधीर हैं और इसके अध्यक्ष हैं विजय भृगु । वैसे तो…

मेरी यादों में जालंधर – भाग तेइस : वह पहली कहानी के छपने की पुलक…

कमलेश भारतीय यादें भी क्या हैं, आती हैं तो आती ही चली आती हैं, इनका न कोई ओर, न कोई छोर! जैसे पतंग उड़ाने वाली डोर की चरखड़ी, जो लगातार…

हकृवि के दो पूर्व वैज्ञनिकों को पदमश्री अवार्ड मिलना गौरव की बात : प्रो. बी.आर. काम्बोज

– विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई एवं मेजर जनरल प्रमोद बतरा को मिला विशिष्ट सेना मेडल। 27 जनवरी, हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के दो पूर्व वैज्ञानिकों डॉ. हरिओम…

मेरी यादों में जालंधर – भाग बाइस : आजकल पासबुक से बड़ी कोई बुक नहीं….

कमलेश भारतीय मित्रो, चल रहा हूँ, यादों की पगडंडियों पर – बिल्कुल बेखबर कि ये मुझे कहां ले जाने वाली हैं पर मैं डरते-डरते चलता जा रहा हूँ । आज…

जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिज़ाज…..

कमलेश भारतीय यादों से घिरा रहता हूँ, सुबह शाम ! जब जब यादें आती हैं, कितने खट्टे मीठे अनुभव याद कराती हैं और यह भी कि वक्त क्या क्या दिन…

मेरी यादों में जालंधर – भाग बीस …….. कुमार विकल मैं बहुत उदास हूँ !

कमलेश भारतीय जब जालंधर की यादें लिखनी शुरू की थीं, तब लगता था कि दो चार दिन लिखकर आपसे विदा ले लूंगा लेकिन यादें जालंधर से चलती हुईं मुझे न…

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