-कमलेश भारतीय

रेणु चहल

मैं भविष्य में राजनीति ही करना चाहती हूं और आदमपुर से चुनाव लड़ रही थी निर्दलीय लेकिन मेरे समर्थकों ने कहा कि भव्य को हराना है तो कांग्रेस का हाथ थाम लो ! मैंने समर्थकों का कहना मान लिया और चुनाव मैदान से हट गयी । यह कहना है बालसमंद की निवासी व आजकल चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई कर रही रेणु चहल का।

मैं आपको बता दूं कि लगभग दो साल पहले आदमपुर के उपचुनाव के दिनों में पहली बार बालसमंद में रेणु के घर पर ही मुलाकात हुई थी, उन दिनों वह आप पार्टी में थी और उसके प्रत्याशी के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी।

-आप पार्टी क्यों छोड़ दी रेणु?
-सर! मैं पूरी तरह आशवस्त थी कि मेरी सक्रियता को देखते हुए पार्टी मुझे ही टिकट देगी लेकिन टिकट दी भूपेंद्र बेनीवाल को, जो आदमपुर का रहने वाला जरूर है लेकिन रहता चंडीगढ़ में है। फिर लोगों को क्या मिला? भव्य दिल्ली रहता है और हमारा प्रत्याशी चंडीगढ़ रहता है। मैंने इस बात पर आपत्ति जताई, अध्यक्ष सुशील गुप्ता और प्रवक्ता अनुराग ढांडा से पूछा लेकिन वे मुझे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। मैं निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गयी लेकिन समर्थकों के कहने पर कांग्रेस में शामिल हो गयी।

-भव्य बिश्नोई से क्या नाराजगी है?
-निजी तौर पर कोई नाराज़गी नहीं लेकिन मैं आदमपुर का विकास चाहती हूँ और ये आदमपुर के विकास के लिए कुछ नहीं कर रहे ! इसीलिए इनको हराने के लिए मैंने कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रप्रकाश का साथ देने का फैसला किया ।

-बालसमंद के गवर्नमेंट काॅलेज में किन गतिविधियों में भाग लेती रही?
-मैं काॅलेज छात्र यूनियन की प्रेजीडेंट थी और कबड्डी खिलाड़ी लेकिन चोट लग जाने से कबड्डी से संन्यास लेना पड़ा और मैं राजनीति में सक्रिय हो गयी, आप पार्टी से उम्मीदें थीं लेकिन वह भी धूमिल हो गयीं ।

-अब चंद्रप्रकाश व कांग्रेस सम्मान दे रही है?
-पूरा सम्मान मिल रहा है कांग्रेस में। मेरी एक मीटिंग सांसद दीपेंद्र हुड्डा से भी करवाई गयी ।

-भविष्य का लक्ष्य?
-चुनाव की राजनीति करूंगी!
हमारी शुभकामनाएं रेणु चहल को!

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