Category: विचार

इस सिस्टम में किसी को झूठे केस में फंसाकर उसकी जिंदगी खराब कर देना इतना आसान क्यों है?

20 साल बाद एससी एसटी के झूठे मामले में चार मार्च को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने विष्णु तिवारी को बरी कर दिया-आसिफ शेख नाम के युवक ने 2001 में गुजरात यूनिवर्सिटी…

महिला जो हथियार लेकर खेती करती

– बंगाल में मोदी जी की चुनावी रैली में महिला मुख्यमंत्री की स्कूटी का बैलेंस बिगड़ जाने का मजाक उड़ाते है।– किसी भी विपक्षी नेता ने मोदी के अटल घाट,कानपुर…

जीना है तो गेंहू छोड़ो…..

अमेरिका में इन दिनों गेंहू को त्यागने का अभियान चल रहा है।– जिसे भारतीयों ने खारिज किया उसे अब विदेशियों ने अपनाया।– दुनिया को अगर मोटापे, डायबिटिज और हृदय रोगों…

क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण महिला सुरक्षा के लिए राष्ट्रव्यापी स्तर पर अत्यंत जरूरी है।

गरीबी और विकास को कम करने के लिए लैंगिक समानता भी एक पूर्व शर्त है। महिलाओं की क्षमता पर अंकुश लगाने के लिए लिंग को अनुचित निर्धारण कारक नहीं होना…

क्या आपको आज के पहले विपक्ष कभी इतना बिखरा-बिखरा दिखा था?

– 2014 से पहले महँगाई व भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा किस तरह सड़कों पर उतर जाती थी।– विपक्ष पर सीबीआई, ईडी संस्थाओं का डंडा चलाकर पस्त कर दिया गया– किसी…

राजनीति : आओ सीखें मुहावरों के नये अर्थ

-कमलेश भारतीय मुहावरे किसी भी भाषा के प्राण होते हैं । कितनी आसानी से बड़ी बात कह जाते हैं । हिंदी में अनेक मुहावरे हैं और हम सब समय समय…

विद्रोह की आवाज़ राजद्रोह नहीं

-कमलेश भारतीय क्या सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाना राजद्रोह है ? नहीं । सुप्रीम कोर्ट ने फिर यह फैसला दिया है । जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला के…

समय आ गया है राहुल को पार्टी की सारी कीचड़ – गंदगी साफ कर देना चाहिए

– दोनो भाई बहन ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं कोविड के खतरे के बावजूद।– 23 बुढऊ राज्यसभा की मलाई खा पेंशन पाकर उसी कांग्रेस के गड्ढे खोद रहे है जिसने…

कृषि कानून , चुनाव में नारा और गुलाम नवी

-कमलेश भारतीय तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन लगातार जारी है बेशक इसका रूप प्रारूप बदलता जा रहा है और किसान नेताओं में भी कुछ दूरियां , कुछ…

कांग्रेस का मौजूदा प्रकरण लगातार अपनी लोकप्रियता खो रहा है

– कांग्रेस में आज लड़ाई राहुल गांधी को लेकर है, बागियों का मानना है कि वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अक्षम हैं।– क्या नेपथ्य में जिस हंसी की…

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