Category: विचार

धीमा न्याय निर्भयाओं को कर रहा कमजोर …… हैवानियत को अंजाम तक पहुंचना चाहिए।

महिलाओं के विरुद्ध यौन हिंसा में संस्थागत कारकों में अपर्याप्त संसाधन वाले पुलिस बल और अप्रभावी कानून प्रवर्तन सहित संस्थागत विफलताएं ,महिलाओं के खिलाफ हिंसा के जारी रहने में योगदान…

फिर निर्भया कांड, फिर मोमबत्तियां ………… एक रेपकांड, जगहें बदलता

-कमलेश भारतीय कभी स्वर्गीय डॉ नरेंद्र मोहन ने देश के अलग अलग हिस्सों में साम्प्रदायिक उन्माद, दंगे फैलने के बाद होने वाली आगजनी पर लम्बी कविता लिखी थी-एक अग्निकांड जगहें…

रक्षा बन्धन का आध्यात्मिक रहस्य ……….

बीके मदन मोहन ………… ओम शांति रिट्रीट सेंटर, गुरुग्राम रक्षा बन्धन का त्योहार भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पारम्परिक रूप से बहनों एवं भाइयों के आपसी…

10 वर्षों के बाद अभी भी हम कुंठाओं से आजाद नहीं हुए !

78 वां भारतीय स्वतंत्रता दिवस राष्ट्रहित में मंगलमय हो डॉ महेन्द्र शर्मा “महेश” पानीपत मेरी माता श्री कहती हैं कि ऊंट अपने मन से कभी भी वैर बाहर नहीं निकलता,…

हर घर तिरंगा अभियान ………….. रखें ध्वज का मान

अपना राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा। इसको लहराते देख गर्व से सीना चौड़ा हो जाता है। इस के सम्मान में इसे सैल्यूट करने का मन चाहता है। हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों का…

संपादक का वेतन : दो सूखी रोटी ??

–कमलेश भारतीय क्या आज यह मुमकिन हैं कि संपादक का वेतन दो‌ सूखी रोटी, एक गिलास ठंडा पानी और दस साल काले पानी की सज़ा! फिर भी इलाहाबाद से प्रकाशित…

क्या दुनिया को है सन्देश, जलता हुआ बांग्लादेश?

आरक्षण के मुद्दे पर बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया, वहाँ की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागना पड़ा। अपने देश भारत में भी इन दिनों जाति को लेकर घमासान…

बहुत हो चुका … राजनैतिक चतुराई फिर से धरी की धरी रह जायेगी, देख लेना ……..

उस जुल्फ पे फबती है बड़ी शब ए दिजूर की सूझी।अंधे को अंधेरे में बड़ी दूर की सूझी।। डॉ महेन्द्र शर्मा “महेश” भारतीय फिल्मों में अक्सर हम देखते हैं कि…

सोशल मीडिया पर स्क्रॉल होती जिंदगी ……..

हम में से ज्यादातर लोग आज सोशल मीडिया के आदी हैं। चाहे आप इसका इस्तेमाल दोस्तों और रिश्तेदारों से जुड़ने के लिए करें या वीडियो देखने के लिए, सोशल मीडिया…

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