रील्स और साहित्य: डिजिटल युग में साहित्यिक क्षरण
विजय गर्ग इन दिनों रील्स और उनके कंटेंट को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। सोशल मीडिया पर रील्स देखना लोगों के लिए बेहद लोकप्रिय हो गया है। यह…
सादा जीवन, उच्च विचार: भारतीय संस्कृति की नींव
– एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी भारतीय संस्कृति की बुनियाद हमेशा से ही “सादा जीवन, उच्च विचार” पर आधारित रही है। यह केवल एक कहावत नहीं, बल्कि जीवन जीने की वह…
डिजिटल भारत में विचारों की बेड़ियां
सरकार द्वारा ओटीटी प्लेटफार्मों की निगरानी, सोशल मीडिया पर टेकडाउन आदेश और आईटी नियम 2021 ने डिजिटल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित किया है। सेंसरशिप और आत्म-नियमन से प्लेटफार्म अधिक…
संसार में मृत्यु: अटल सत्य और मानवीय मृत्यु का अनसुलझा रहस्य
मानवीय मृत्यु एक अनसुल्झी पहेली बनी हुई है – शरीर से आखिर ऐसा क्या निकल जाता है कि शरीर निर्जीव हो जाता है – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं सृष्टि की…
आत्मनिर्भर भारत की खिलौना क्षेत्र में दस्तक – 2028 तक 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान
आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में नीली अर्थव्यवस्था एक महत्वपूर्ण घटक हैं, जिसे समृद्ध करने विज्ञान प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका – एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं खिलौने किसी भी देश की सभ्यता…
स्वास्थ्य का खजाना: वयस्कों के लिए रोजाना कितने बादाम पर्याप्त और सही तरीके से खाने के टिप्स …..
दीपिका शर्मा बादाम को सुपरफूड कहा जाता है क्योंकि इसमें पोषक तत्वों की भरमार होती है। यह दिमागी विकास से लेकर दिल की सेहत तक कई तरह के लाभ देता…
अस्पतालों में बिना ज़रूरत के बढ़ते सीज़ेरियन ……
यह सच है कि कुछ निजी अस्पताल अधिक मुनाफे के लिए अनावश्यक सीज़ेरियन कर रहे हैं, लेकिन सभी को दोषी ठहराना उचित नहीं होगा। समाधान के लिए महिलाओं की जागरूकता,…
चुनौती बनता ठोस कचरे का निपटान ………
विजय गर्ग भूमिका बढ़ती जनसंख्या और आधुनिक जीवनशैली के साथ कचरा निपटान एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। जिस वस्तु का हम उपयोग कर चुके होते हैं, वह कचरे…