विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 का विषय “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य”

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 7 अप्रैल : मेडिकल ऑफिसर, ऐडमिनिस्ट्रेटर एवं आरएसएसडीआई मेंबर डॉ. अनेजा ने बताया कि हर साल 7 अप्रैल को पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को सेहत से जुड़े जरूरी मुद्दों और अधिकारों के बारे में बताना है। हर साल इस दिन के लिए एक खास थीम को चुना जाता है जिसपर लोगों को जागरूक किया जाता है।

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 का विषय “स्वस्थ शुरुआत, आशापूर्ण भविष्य” माताओं और नवजात शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य गर्भावस्था और जन्म के बाद उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल की आवश्यकता पर जोर देना है, ताकि टाली जा सकने वाली मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।

हर जगह महिलाओं और परिवारों को उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल की आवश्यकता होती है जो उन्हें जन्म से पहले, जन्म के दौरान और जन्म के बाद शारीरिक और भावनात्मक रूप से सहायता प्रदान करे। स्वास्थ्य प्रणालियों को मातृ एवं नवजात शिशु के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली अनेक स्वास्थ्य समस्याओं के प्रबंधन के लिए विकसित होना चाहिए। इनमें न केवल प्रत्यक्ष प्रसूति संबंधी जटिलताएँ शामिल हैं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ, गैर-संचारी रोग और परिवार नियोजन भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, महिलाओं और परिवारों को ऐसे कानूनों और नीतियों द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए जो उनके स्वास्थ्य और अधिकारों की रक्षा करें।

स्वास्थ्य ही जीवन का आधार है।अगर शरीर स्वस्थ नहीं रहेगा, तो कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमताओं को पूरी तरह से नहीं पहचान सकता। इसलिए विश्व स्वास्थ्य दिवस का मुख्य उद्देश्य है: स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना – लोगों को स्वास्थ्य के महत्व और स्वस्थ जीवनशैली के लाभों के बारे में शिक्षित करना। रोगों की रोकथाम पर जोर देना –बीमारियों से बचने के उपायों को बढ़ावा देना। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना – सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक सुलभ और प्रभावी बनाना। स्वास्थ्य नीति और योजनाओं को बढ़ावा देना ।

डॉ. अनेजा ने बताया कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए हमें नियमित रूप से कुछ अच्छी आदतों को अपनाना चाहिए: संतुलित आहार लेना:
हरी सब्जियाँ, फल, दालें और अनाज का सेवन करें। जंक फूड और अत्यधिक तली-भुनी चीजों से बचें।
दिनभर पर्याप्त पानी पिएं। नियमित व्यायाम और योग रोजाना कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करें। योग और ध्यान मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं।

तनाव मुक्त जीवन जीना ,तनाव से बचने के लिए मेडिटेशन, संगीत, और अच्छी नींद लें। परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं। नियमित स्वास्थ्य जांच कराना, समय-समय पर ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल, बीएमआई और अन्य परीक्षण कराएं। किसी भी बीमारी के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। नशे से बचाव, शराब, धूम्रपान और अन्य नशीली चीजों से बचें, क्योंकि ये हृदय रोग, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। विश्व स्वास्थ्य दिवस स्वास्थ्य हमें याद दिलाता है कि स्वस्थ रहना केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी ही नहीं, बल्कि एक सामूहिक प्रयास भी है। हमें स्वस्थ आदतों को अपनाना, संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए। इस दिवस पर हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे और एक स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान देंगे।

अंत में डॉ. अनेजा ने बताया कि हम हमेशा सोचते हैं कि हेल्दी रहने के लिए जिम जाना होगा, महंगे हेल्थ सप्लिमेंट्स लेने होंगे या कोई खास डाइट फॉलो करनी होगी। जबकि एक्सपर्ट्स कहते हैं कि असली सेहत उन छोटे फैसलों में छिपी होती है जो हम रोज़ लेते हैं। जैसे सुबह उठकर खुली हवा में कुछ देर टहल लेना, घर का बना सादा खाना खाना और सोने से पहले मोबाइल से दूरी बनाना,अगर हम अपनी नींद, खानपान और दिनचर्या को थोड़ा भी बेहतर बना लें, तो 80% बीमारियां तो वैसे ही पास नहीं फटकतीं।

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