Category: देश

विरासत में मिली सियासत, पर ‘महत्वाकांक्षा’ ने कई परिवारों में करा दी बगावत

हरियाणा के राजनीतिक परिवारों में भी रही वर्चस्व की लड़ाई अशोक कुमार कौशिक परिवारवाद को लेकर आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच भारतीय राजनीति में ऐसे नेताओं की एक लंबी फेहरिस्त है, जिन्हें…

भारत और भूटान : सदियों पुराने मित्र भाईचारे का प्रमाण

एक मित्रवत और मददगार पड़ोसी के रूप में भारत भूटान की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी रहा है। भूटान भारत की विदेश नीति में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है…

न खालिस्तान, न गजवा-ए-हिंद और न ही हिंदू राष्ट्र

योगेन्द्र यादव जिन्हें खालिस्तान चाहिए, जो गजवा-ए-हिंद का सपना देखते हैं या जो हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं उनके लिए भारत में कोई जगह नहीं है। यह तीनों विचार भारत…

प्रजातंत्र का धनुष नारियों के हाथ में

पूजा गुप्ता भारत के पुरुष प्रधान देश में विकास के साथ-साथ तकनीकी विकास भी बहुत हो रहा है। अब बारी नारी प्रधान देश बनाने की। आर्थिक, राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं…

जन सेवा ही राज्य सरकार का एकमात्र लक्ष्य – मुख्यमंत्री

लगातार जनकल्याण के कर रहे कार्य, जनता का सरकार के प्रति बढ़ा विश्वास- मनोहर लाल हम प्रयोगधर्मी, कोई नया प्रयोग करने से पीछे नहीं हटते – मुख्यमंत्री पीपीपी का असली…

क्या भाजपा के लिए चुनावी मजबूरी बनती जा रही है ओल्ड पेंशन स्कीम?

कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम के अलावा कुछ नहीं मंजूर क्या केन्द्र सरकार फैसले से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली पुरानी पेंशन योजना की तरह आकर्षक हो जाएगी ? राजस्थान ने राइट…

लोकतंत्र की जगह किस ओर भाजपा ?

-कमलेश भारतीय भाजपा के स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े गर्व से कहा कि भाजपा ऐसी पार्टी है जो लोकतंत्र की कोख से जन्मी है न कि परिवारवाद…

मीडिया और सत्ता दोनों को आइना !

–कमलेश भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने न केवल सत्ता बल्कि मीडिया को भी आइना दिखा दिया । यह फैसले की घड़ी आई मलयाली न्यूज चैनल पर केंद्र द्वारा रोक लगाने पर…

किसान, मजदूर और कमेरों के मसीहा थे चौधरी देवी लाल: चौधरी ओम प्रकाश चौैटाला

नई दिल्ली स्थित स्व. ताऊ देवी लाल की समाधि संघर्ष स्थल पर पहुंच श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी चौधरी देवी लाल ने देश में बुजुर्गों के लिए 100 रुपए मासिक…

विश्व स्वास्थ्य दिवस, 7 अप्रैल …….. डॉक्टर और दवाइयों की कमी से जूझता देश का स्वास्थ्य

प्रत्येक 10,000 लोगों के लिए केवल एक एलोपैथिक डॉक्टर उपलब्ध है और 90,000 लोगों के लिए एक सरकारी अस्पताल उपलब्ध है। मासूम और अनपढ़ मरीजों या उनके रिश्तेदारों का शोषण…

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