Category: देश

जाति जनगणना की जरूरत का समय

21वीं सदी भारत के जाति प्रश्न को हल करने का सही समय है, अन्यथा हमें न केवल सामाजिक रूप से, बल्कि राजनीतिक और आर्थिक रूप से भी भारी कीमत चुकानी…

डीपी वर्ल्ड, आईसीसी और सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को विस्तार देने की वैश्विक पहल के लिए मिलाया हाथ

अनिल बेदाग, मुम्बई मुंबई : स्मार्ट एंड-टू-एंड सप्लाई चेन लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी कंपनी डीपी वर्ल्ड ने क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर और आईसीसी के साथ…

जातिगत जनगणना के आंकडे जारी होने के बाद मोदी-भाजपा-संघ बुरी तरह से बौखला गए है : विद्रोही

बिना जातिगत जनगणना के प्रमाणिक आंकडे सामने आये सामाजिक न्याय की अवधारणा पर कैसे प्रभावी अमल किया जा सकता है? विद्रोही प्रधानमंत्री मोदीजी यह कहना कि मेरे लिए गरीब ही…

उत्तर भारत में महसूस हुए 6.2 तीव्रता के भूकंप के झटके, नेपाल में था केंद्र

नई दिल्‍ली – दिल्‍ली और एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं. भूकंप की तीव्रता 6.2 बताई जा रही है. उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तराखंड में भी भूकंप के…

गाँधी जयंती पर विशेष…….. क्यों बापू पसंद करते थे विद्यार्थियों से मिलना

आर.के.सिन्हा ……………… पूर्व सांसद, राज्य सभा महात्मा गांधी को विद्यार्थियों से मिलना-जुलना और उनसे बातें करना पसंद था। वे स्कूलों, कॉलेजों और विश्व विद्लायों में भी अक्सर जाते थे। वे…

वैवाहिक मूल्यों का होता …….. विवाह समझौता न होकर सृष्टि चक्र को गति प्रदान करने वाला जीवन मूल्य है

इक्कीसवीं सदी को वैचारिक क्रांति की सदी कहना अनुपयुक्त न होगा। वैचारिक क्रांति से समाज और संस्कृति सर्वाधिक प्रभावित हुये विवाहेत्तर सम्बन्ध आज के जीवन की कटु सच्चाई बन गये…

संस्कार की जरूरत स्त्री व पुरुष दोनों को है

हम आए रोज देखते है कि कुत्ते को अधिकार है कि वह कहीं भी यूरिन पास कर सकता है, और कैसे भी कर सकता है। लेकिन सभ्य पुरुष को यह…

29 सितंबर पितृपक्ष के अवसर पर …….. मृतात्माओं का श्राद्ध करना पुण्यकर्म 

– सुरेश सिंह बैस शाश्वत पितृपक्ष आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से प्रारंभ होकर अमावस्या को संपन्न होता है। इसमें मृत पूर्वजों का आव्हान कर श्राद्ध कर्म किया जाता है। श्राद्ध करने…

आरक्षण और योग्यता का गोरख धंधा …………

आंकड़ों का अध्यन करें तो हम पाएंगे कि देश के कुल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग में केवल 5 उप-कुलपति है। अगर रजिस्ट्रार देखें तो पिछड़े समाज के तीन…

संसदीय इतिहास का सबसे बदनुमा लम्हा है बीजेपी सांसद की टिप्पणी : सुनीता वर्मा

सोचा था नई संसद के साथ नई सोच आएगी पर इमारत बदलने से इबारत नही बदलती : सुनीता वर्मा मोदी सरनेम पर टिप्पणी करने पर राहुल गांधी की सदस्यता छीनी…

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