सोचा था नई संसद के साथ नई सोच आएगी पर इमारत बदलने से इबारत नही बदलती : सुनीता वर्मा

मोदी सरनेम पर टिप्पणी करने पर राहुल गांधी की सदस्यता छीनी गयी थी, क्या अब बीजेपी सांसद द्वारा बसपा सांसद दानिश अली को सदन में कटुए, भड़वे, मुल्ला, आतंकवादी, उग्रवादी कहने पर रमेश विधूड़ी की संसद सदस्यता रद्द होगी?
आरएसएस साखा से प्राप्त यह ज्ञान और संस्कार हर भाजपाई सांसद की शोभा है। इसी को आधार बनाकर उन्हें पार्टी की टिकट और बड़ा पद मिलता है।

22/9/2023 :- ‘अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब हम ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का नारा देते हुए जी20 के नेताओं का स्वागत कर रहे थे। लेकिन संसद में भाजपा के रमेश बिधूड़ी ने बसपा सांसद दानिश अली को लेकर की गई टिप्पणी इनके अहंकार और बदतमीजी की पराकाष्ठा है। इनके ये शब्द बीजेपी वालों के चाल, चरित्र और चेहरे को उजागर करते हैं।’ उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेटर सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि आज नए संसद भवन के साथ अब नए सांसदों की भी ज़रूरत को जनता समझ रही है। नफरती सांसदों का नेतृत्व कर रहे मोदी को सोचना चाहिए की वो देश को किस दिशा में ले जा रहे हैं। सत्ता का अहंकार उनके सांसदों के सर चढ़कर बोल रहा है।

महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा कि रमेश बिधूड़ी ने उस नये भारत की झलक दिखलाई जिसका सपना नरेंद्र मोदी की आंखों में दिखता है। जैसी बातें इशारों में, बंद कमरों में, व्हाट्सएप ग्रुपों में होती थीं। वो नये भारत के नये संसद में आधिकारिक पुष्टि के साथ हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी सांसद की ये भाषा मुसलमानों को लेकर भाजपा की मानसिकता को दर्शाती है, इसलिए संसद की गरिमा और लोकतंत्रीय परंपरा का अपमान करने वाले विधूड़ी को अगर गिरफ्तार नही किया गया तो ये भारत की संसद का अपमान होगा।

वर्मा ने कहा कि वैसे तो संविधान के अनुच्छेद 105 और 194 के तहत संसद और विधानसभा की कार्यवाही के दौरान दिए गए बयान को आधार बनाकर किसी विधायक या सांसद पर अदालत में केस नहीं हो सकता। यह उनका विशेषाधिकार है और वह बयान उस सदन की प्रॉपर्टी होता है। संविधान के अनुच्छेद 212 में भी इसी तरह का अधिकार दिया गया है। किंतु इस भाजपाई गुंडे पर संसद को दंडात्मक कार्यवाही करने के साथ ही इनकी संसद सदस्यता रद्द करनी चाहिए और ये मामला संसद की विशेषाधिकार हनन समिति को भेजना चाहिए साथ ही दानिश को इस पर अपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि साथ ही विधूड़ी की असंसदीय टिप्पणी के दौरान दो रीढ़विहीन मनुष्य जो पीछे बैठ कर अपनी बेशर्मी हंसी के साथ बीजेपी संस्कारों की नुमाइश करा रहे थे उन दोनों पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए क्योंकि इनकी हंसी ने इनके अंदर छुपे घिनौने चरित्र का परिचय पूरे देश को करवा दिया है।

सुनीता वर्मा ने मुस्लिम समुदाय के बीजेपी सांसदों पर भी हमला बोलते हुए कहा कि इस घटना ने लोकतंत्र के मंदिर को तो कलंकित किया ही है साथ ही जिन शब्दों का इस्तेमाल पूरे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ किया गया है उन निर्ल्लजता भरे शब्दों को भाजपा से जुड़े मुस्लिम सांसदों ने कैसे बर्दाश्त किया है? उन्हें शर्म आनी चाहिए। उन्होंने कहा की इस नफरत की राजनीति ने भारत की संस्कृति का बुरा हाल कर दिया है और प्रधानमंत्री जी कह रहे हैं की उत्सव मनाइए।

कहा जा रहा है दानिश अली उकसा रहे थे, मगर फिर भी सदन के भीतर ये सरासर गुंडई है। भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए श्री ओम बिड़ला को शर्म आनी चाहिए। भारत ने संसद के इतिहास में इतना कमजोर, डरपोक और कठपुतली लोकसभा अध्यक्ष कभी नहीं देखा।

One thought on “संसदीय इतिहास का सबसे बदनुमा लम्हा है बीजेपी सांसद की टिप्पणी : सुनीता वर्मा”
  1. नूपुर वर्मा के बयान के ऊपर मजे बवाल को लेकर समूल विपक्ष के चाल चरित्र को हम पहले ही देख चुके हैं. इसलिए तुम लोगों को किसी के चाल चरित्र की बात करना शोभा नहीं देता.

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