अवर सचिव, उप सचिव और संयुक्त सचिव सचिवालय की संस्थागत स्मृति : मुख्य सचिव
हरियाणा सरकार 3.3 लाख से अधिक सरकारी अधिकारियों को देगी नैतिक व उत्तरदायी शासन की ट्रेनिंग

चंडीगढ़, 22 सितंबर: हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने घोषणा की है कि राज्य सरकार सिविल सचिवालय के अधिकारियों के लिए वार्षिक 2 प्रशिक्षण एवं फीडबैक सत्र आयोजित करेगी। यह घोषणा उन्होंने आज यहां सिविल सचिवालय के अवर सचिवों, उप सचिवों और संयुक्त सचिवों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं फीडबैक सत्र का उद्घाटन करते हुए की।

नैतिकता पर जोर देते हुए श्री संजीव कौशल ने कहा कि राज्य सरकार मिशन कर्मयोगी हरियाणा को लागू कर रही है, जिसके तहत 3.3 लाख से अधिक सरकारी अधिकारियों को नैतिक व उत्तरदायी शासन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह राज्य के शासन परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने की एक अग्रणी पहल है।

उन्होंने सचिवालय की संस्थागत स्मृति के रूप में अवर सचिवों, उप सचिवों और संयुक्त सचिवों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका स्थायी योगदान प्रशासन के लिए एक अमूल्य संपत्ति है। उन्होंने कहा कि एक आईएएस अधिकारी सिविल सचिवालय में केवल सीमित कार्यकाल के लिए ही काम करते हैं, जबकि इसके विपरीत, सचिवालय अधिकारी लंबे समय तक अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हैं। उन्होंने कहा कि आईएएस अधिकारी सचिवालय अधिकारियों के साथ बातचीत कर सरकार के बुनियादी कार्यों के बारे अनुभव प्राप्त करते हैं।

श्री कौशल ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम सत्र में शासन व्यवस्था में निर्णय लेने, मैनपावर नियोजन, सतर्कता मामलों को संभालने और कार्य-जीवन प्रबंधन जैसे आवश्यक विषयों को शामिल किया गया है। ये सत्र उनकी भूमिकाओं की विशिष्ट चुनौतियों व जिम्मेदारियों से निपटने के लिए तैयार किए गए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रतिभागी सक्रिय रूप से चर्चा में भाग लेंगे, प्रश्न पूछेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे।

अवर सचिवों, उप सचिवों और संयुक्त सचिवों की भूमिका पर बोलते हुए बिजली निगमों के अध्यक्ष श्री पी.के. दास ने इन अधिकारियों को फाइलों के प्रबंधन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने आग्रह किया कि वे केवल नियमित कार्य के रूप में समयबद्ध फाइलों को अग्रेषित न करें, बल्कि सक्रिय रूप से यह सुनिश्चित करें कि वरिष्ठ अधिकारियों को इन फाइलों की समीक्षा करने और निर्धारित समय सीमा के भीतर निपटाने के लिए याद दिलाया जाए।

प्रशासनिक विभागों के भीतर मैनपावर नियोजन और कर्मचारी युक्तिसंगत विषय पर बोलते हुए हरियाणा रेशनलाइजेशन कमीशन के अध्यक्ष श्री राजन गुप्ता ने अधिकारियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने आधिकारिक दस्तावेजों को संभालते समय विचार करने के लिए आवश्यक कारकों के रूप में “4 पी” पीयूसी (प्राथमिकता, समझ और स्पष्टता), नीति, मिसाल और प्रस्ताव के महत्व को रेखांकित किया। श्री गुप्ता ने प्रशासन में युक्तिकरण की अनिवार्यता पर चर्चा करते हुए तकनीकी प्रगति से प्रेरित तात्कालिकता पर जोर दिया। उन्होंने इस उभरते परिदृश्य में समाज को प्रभावी ढंग से बेहतर सेवा देने के लिए मैनपावर की तैनाती का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

इसके अलावा, नियोजन के मुद्दे पर बोलते हुए श्री गुप्ता ने सरकार के भीतर बजट निर्धारण और नीति कार्यान्वयन संबंधी महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन कार्यों से जुड़ी समकालीन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि अधिकारियों को आधुनिक तकनीकी युग की मांगों के अनुरूप अपने ज्ञान और कौशल को लगातार बढ़ाने चाहिए।

कार्मिक, प्रशिक्षण, सतर्कता और संसदीय कार्य विभागों के विशेष सचिव श्री प्रभजोत सिंह ने कार्य-जीवन प्रबंधन और रोजमर्रा के काम के लिए प्रेरणा पर अपने विचार साझा किए। मानव संसाधन एवं सामान्य प्रशासन विभाग के विशेष सचिव डॉ. आदित्य दहिया ने कार्यालय प्रक्रिया नियमावली के उपयोग पर चर्चा की। इसके अलावा, सचिवालय स्थापना के विशेष सचिव श्री सम्वर्तक सिंह ने स्थापना एवं शिकायत मामलों के बारे अपने विचार रखे। जिला अटॉर्नी (सेवानिवृत्त) अनिल भारद्वाज ने सतर्कता और शिकायत मामलों से निपटान के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया।

error: Content is protected !!