भ्रष्टाचार और समाज में उसकी भूमिका
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी प्रस्तावना भ्रष्टाचार एक ऐसा बीज है, जो व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करता है। जैसे ही यह बीज पनपता है, यह न केवल वर्तमान को बल्कि…
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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी प्रस्तावना भ्रष्टाचार एक ऐसा बीज है, जो व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करता है। जैसे ही यह बीज पनपता है, यह न केवल वर्तमान को बल्कि…
शासकीय कर्मचारी,मंत्री का पद और कुर्सी उसकी रोजी-रोटी का साधन है, मिलीभगत सांठगांठ कर पाए भ्रष्टाचार का फ़ल उन्हें जरूर मिलेगा -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी भ्रष्टाचार शब्द भारतीय समाज में…
इस सरकार का हाजमा इतना तेज कि यमुना के रेत से लेकर डाडम व नांगल चौधरी तक की पहाड़ियों तक को हजम कर लिया- हुड्डा बड़े-बड़े घोटालों को कमेटियों के…
भाजपा अपनी कथित तिरंगा यात्रा के बहाने अपनी असफलताओं, भ्रष्टाचार, पेगासस कांड, किसान आंदोलन, महंगाई व बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दों से ध्यान हटाना चाहती है। विद्रोही रेवाड़ी – 10 अगस्त…