Tag: भारतीय संविधान

अनुसूचित जाति आरक्षण वर्गीकरण प्रदेश की 70% गरीबी और बेरोजगारी छिपाने का प्रयास

जातिगत जनगणना के बिना अनुसूचित जाति आरक्षण में वर्गीकरण असंवैधानिक एवं अव्यवहारिक अनुसूचित जाति आरक्षण में वर्गीकरण भारतीय जनता पार्टी की बिभाजानकारी राजनीती का प्रत्यक्ष प्रमाण मणिपुर में विगत तीन…

न्याय भारतीय संविधान की आत्मा, भारत में हरेक को बचाव का अधिकार – जस्टिस सुधीर जैन

न्यायविदों के तीन दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ ब्रह्माकुमारीज के ओम शांति रिट्रीट सेंटर में हुआ आयोजन 28 अक्टूबर 2023, गुरुग्राम – न्याय भारतीय संविधान की आत्मा है। भारत में ही…

समान नागरिक संहिता कैसे लागू करें ?

योगेन्द्र यादव भारत के संविधान में आस्था रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए सवाल यह नहीं होना चाहिए कि समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) होनी चाहिए या नहीं।…

षड्यंत्र और राजनीति का हिस्सा धर्म परिवर्तन

सुप्रीम कोर्ट मानता है कि धर्म परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है और इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। धर्म परिवर्तन राजनीतिक मुद्दा है या आस्था का मामला? लोगों को…

नई शिक्षा नीति असमानताओं को बढ़ाने वाली अर्थव्यवस्था के अनुरूप: शर्मा

भारत सारथी/ कौशिक नारनौल। हरियाणा विधालय अध्यापक संघ के पूर्व राज्य सचिव धर्मपाल शर्मा ने बताया कि देश की वर्तमान सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की है। आज़ाद भारत…

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने 14 अप्रैल की संविधान बचाओ रैली का दिया न्यौता, कार्यकर्ताओं की मीटिंग लेकर जिम्मेदारियां सौंपी

संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है, संविधान का माखौल उड़ाया जा रहा है – दीपेंद्र हुड्डा बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को 15 दिन के अंदर कम…

विवेक की कमी से ग्रस्त इस देश के अक्ल से मंद डिग्रीधारियों को राजीव भार्गव की किताब पढ़नी चाहिए : योगेन्द्र यादव

प्रोफेसर भार्गव ने द हिन्दू के लिएकुछ छोटे लेख लिखे हैं. इस पुस्तक में ऐसे ही लेखों का संकलन है. आज हम भारत मेंजिन नैतिक समस्याओं का रोज सामना करते…

सामाजिक ताने- बाने को कमजोर करती जातिगत कट्टरता

राजनीतिक लाभ के लिए जातिगत ध्रुवीकरण के अलावा उपरोक्त मांग के पीछे कुछ कारक सक्रिय नजर आते हैं।इस परिदृश्य में, यह कहना गलत नहीं होगा कि सामाजिक आर्थिक समानता लाने…

जाति व्यवस्था से ज्यादा हीन या श्रेष्ठ मानना एक समस्या है

जाति आधारित व्यवसाय कोई समस्या नहीं है लेकिन एक व्यवसाय को हीन या श्रेष्ठ मानना एक समस्या है। हर पेशे का सम्मान होना चाहिए। महात्मा गांधी की “ब्रेड लेबर” (हर…

लोकतंत्र की पवित्रता और आदर्श आचार संहिता

सैद्धांतिक रूप से यह जितना आदर्श से युक्त है, व्यवहार में इसका अनुपालन कम ही होता दिखाई देता है। जातिवाद, क्षेत्रवाद, बाहुबल और धनबल के रसूख से भरे चुनावी अभियान…

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