गणतंत्र दिवस हमें हमारे संविधान के विशिष्ट महत्व की याद दिलाता है, जो हमारे अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है -एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं 26 जनवरी भारत के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि यही वह दिन है जब भारत को एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया था। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था, जो देश को एक गणराज्य के रूप में स्थापित करता है। यह दिन हमें हमारे संविधान के महत्व की याद दिलाता है, जो हमारे अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है। इस वर्ष, 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत और विकास की यात्रा का उत्सव मना रहा है। क्या 76 वर्षों में संविधान का पूरी तरह पालन हो रहा है ? हम मीडिया में कई बार सुनते हैं कि संविधान का पालन नहीं हो रहा है, संविधान बचाव के लिए आंदोलन हमने देखे हैं शासन अपनी सुविधा के अनुसार समय समय पर संविधान का संशोधन करता है,तो दूसरी तरफ संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन करने की बातें होती है। अब 76 वें संविधान दिवस पर हम जनता को निश्चित करना है कि क्या संविधान का पालन देश में पूरी तरह से हो रहा है ? क्या समय-समय पर सरकारें इसे अपने फायदे के लिए उपयोग कर रही है? गणतंत्र दिवस और विश्व स्तर पर भारत की ताकत गोंदिया, महाराष्ट्र से यह उत्साह और देशभक्ति का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंच रहा है। इस बार गणतंत्र दिवस के साथ-साथ प्रयागराज महाकुंभ मेला भी चर्चा का विषय बना हुआ है, जो 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक जारी रहेगा। यह मेले का अभूतपूर्व उत्साह और विदेशी सैलानियों का जमावड़ा दुनिया को हैरान कर रहा है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में शिरकत करेंगे। यह पहला अवसर है जब इंडोनेशिया का 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगा। यह भारत और इंडोनेशिया के बीच मजबूत रिश्तों को दर्शाता है, क्योंकि 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि बने थे। इस वर्ष की परेड की थीम ‘स्वर्णिम भारत विरासत और विकास’ है, जो देश की जीवंत सांस्कृतिक धरोहर और निरंतर विकास की यात्रा को प्रदर्शित करती है। गणतंत्र दिवस परेड हर वर्ष भारत की विविधता को प्रदर्शित करती है, जिसमें सांस्कृतिक झांकियां, मार्चिंग कंटिजेंट्स और बैंड प्रस्तुतियां शामिल होती हैं। गणतंत्र दिवस परेड 2025 गणतंत्र दिवस 2025 की परेड 26 जनवरी को सुबह 10:30 बजे दिल्ली के विजय चौक से शुरू होगी और कर्तव्य पथ होते हुए लाल किले तक पहुंचेगी। इस बार परेड में 90 मिनट के अंदर 300 कलाकारों के साथ 18 मार्चिंग कंटिजेंट्स, 15 बैंड और 31 झांकियां शामिल होंगी। इन झांकियों में भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सांस्कृतिक धरोहर और विकास को दर्शाया जाएगा। खास बात यह है कि इस वर्ष देश की तीनों सेनाओं – थलसेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त झांकी पहली बार दिखाई जाएगी, जो तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय को प्रदर्शित करती है। गोंदिया का योगदान गोंदिया, महाराष्ट्र में इस वर्ष गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। गोंदिया के नागरिक मिलकर ‘बेहतर गोंदिया’ बनाने के संकल्प के साथ सामूहिक राष्ट्रगान गायेंगे। यह कार्यक्रम गोंदिया वासियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर होगा, जिसमें सभी लोग समाज, धर्म, वर्ग और राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होंगे। यह सामूहिक राष्ट्रगान देशभक्ति के भाव से ओतप्रोत होगा और गोंदिया को बेहतर बनाने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रण लिया जाएगा। गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व गणतंत्र दिवस का महत्व केवल हमारे संविधान के लागू होने के दिन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे स्वतंत्रता संग्राम की एक महत्वपूर्ण घटना भी है। 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित किया था, और यही दिन भविष्य में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया। 26 जनवरी को भारत ने ब्रिटिश शासन से मुक्ति के बाद स्वतंत्र गणराज्य बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। गणतंत्र दिवस भारतीय संविधान की स्थापना का प्रतीक है, जो देश के लोकतंत्र, समानता और न्याय की नींव रखता है। यह दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के संघर्ष और बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाई और भारतीय गणराज्य की नींव रखी। निष्कर्ष 76 वां गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2025 को भारत के शक्ति, संस्कृति और विकास का उत्सव होगा। यह अवसर न केवल भारतीय संविधान के महत्व को स्वीकारने का है, बल्कि यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने राष्ट्र की सेवा में निरंतर योगदान दें। परंतु यह भी देखना जरूरी है कि अब 76 वें संविधान दिवस पर हम जनता को निश्चित करना है कि क्या संविधान का पालन देश में पूरी तरह से हो रहा है ? क्या समय-समय पर सरकारें इसे अपने फायदे के लिए उपयोग कर रही है? गोंदिया सहित पूरे देश में इस दिन की महत्ता और देशभक्ति को महसूस करते हुए सभी भारतीय अपने संविधान और लोकतंत्र की ताकत का सम्मान करेंगे। -संकलनकर्ता लेखक – क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यमा सीए(एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र Post navigation गणतंत्र के 76 साल : हमने क्या खोया और क्या पाया ……. भ्रष्टाचार की जड़ – कर्मचारियों और मंत्रियों द्वारा थर्ड पार्टी से मिलीभगत और सांठगांठ: शासन से गद्दारी, धोखाधड़ी