Tag: p m narendra modi

मिट्टी पे मिट्टी का नाम मीडिया ?

-कमलेश भारतीय क्या मिट्टी पे मिट्टी डालने का नाम मीडिया है ? अब आप ज्यादा हैरान न हों । देखिए अभी कुछ दिन पहले यूपी के गैंगस्टर विकास दूबे के…

सीटू व जनसंगठनों ने किया रेलवे निजिकरण का विरोध, रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन कर भेजा ज्ञापन

भिवानी/शशी कौशिक सीटू व जनसंगठनों ने रेलवे के निजिकरण के विरोध में रेलवे स्टेशन भिवानी पर प्रदर्शन किया व स्टेशन प्रबंधक के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा व उनसे…

क्या आप इस महापुरुष को जानते हैं ?

-किसी देवदूत से कम नही है डाक्टर तपन कुमार लहरी अशोक कुमार कौशिक उन्हें किसी भी दिन शहर के अन्नपूर्णा होटल में पच्चीस रुपए की थाली का खाना खाते हुए…

पायलट ज्यादा मजबूत है सिंधिया के मुकाबले

-जिन लोगों से लड़ते लड़ते उन्होंने जीवन गुजार दिया,उसी के साथ जाना, बड़ा ही असमंजस में डालने वाला -राहुल गांधी अपने ही नाराज नेताओं से क्यों नहीं मिलते? क्या इंदिरा…

बिहार में बहुमत से बीजेपी गठबंन सरकार बनेगीः भूपेंद्र यादव

राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने अपने पैतृक गांव में किया पौधारोपण. बिहार की जनता को विकास के मुद्दे पर ही अपना मतदान करेगी फतह सिंह उजालापटौदी। बिहार विस चुनाव में…

महामारी में कहाँ दुबक गए सारे एनजीओ?

( अरबों की सरकारी और विदेशी सहायता इनकी जेबों में, पूछे कौन सवाल ) —डॉo सत्यवान सौरभ, रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,दिल्ली यूनिवर्सिटी,कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,…

अजब विकास की गजब कहानी खत्म

-कमलेश भारतीय कल उज्जैन के महाकाल मंदिर के प्रांगण से सुरक्षाकर्मियों द्वारा कानपुर वाले विकास दुबे को पकड़ लिये जाने की खबर सुर्खियों में थी लेकिन आज सुबह सुर्खियां बदल…

रेलवे का निजीकरण रक्त शिराओं को बेचने जैसा होगा।

( छोटे से फायदे के लिए हम आधी से ज्यादा आबादी का रोजमर्रा का नुकसान नहीं कर सकते।) — डॉo सत्यवान सौरभ, रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,दिल्ली यूनिवर्सिटी,कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं…

प्रधानमंत्री का कॉलर पकड़ने की आजादी से शुरू हुआ सफर यहां तक पहुंच गया है कि आप कौन होते हैं सवाल पूछने वाले?

अशोक कुमार कौशिक बात उन दिनों की है जब देश को ताजा ताजा आजादी मिली थी। एक महिला ने संसद परिसर में नेहरू का कॉलर पकड़कर पूछा, “भारत आज़ाद हो…

महिलाएं हुई बेहाल: सुरक्षा कानूनों के तहत कोई सुरक्षा नहीं, काम पर पड़ा बुरा प्रभाव

कोविद -19 लॉकडाउन ने महिलाओं के लिए रोजगार की उपलब्धता को लगभग कम कर दिया है और देखभाल के काम का बोझ बढ़ गया है। — डॉo सत्यवान सौरभ, कोरोनावायरस…

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