-कमलेश भारतीय क्या मिट्टी पे मिट्टी डालने का नाम मीडिया है ? अब आप ज्यादा हैरान न हों । देखिए अभी कुछ दिन पहले यूपी के गैंगस्टर विकास दूबे के दिन थे । कैसे पकड़े, कहां दिखा , कहां मारा ? उससे भी पहले सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की चर्चा के दिन । कैसे शिकार हुआ फिल्मी दुनिया के जाल का ? कैसे डिप्रेशन हुआ और अब प्रेमिका सीबीआई जांच की गुहार लगा रही है । फिर कभी पाकिस्तान और एल ओ सी के बीच आतंकवादियों से मुठभेड़ के दिन । अचानक देशभक्ति चीन की सीमा पर चली गयी । कुछ समय वहीं बिताया तो फिर नेपाली के ओली के बयान के दिन आए । बिग बी अमिताभ बच्चन के परिवार को कोरोना ने तो मीडिया को किसी और खबर लायक नहीं रखा । बस बिग बी और कोरोना ही रह गया । कभी ऐश्वर्या राॅय और आराध्या की चिंता सताई । अभी रेखा की अदाएं दिखा कर उसकी जांच की मांग पर जोर दिया जा रहा है । समय नहीं है तो सोनू सूद के लिए नहीं है जो कोरोना काल में कितना सहयोग कर रहा है प्रवासी मजदूरों का । समय नहीं है तो कोरोना योद्धाओं के लिए नहीं है । समय नहीं है तो सुनीता यादव के लिए नहीं है जो मंत्री के आगे नहीं झुकी और पुलिस कांस्टेबल पद से इस्तीफा दे दिया । उनके लिए समय नहीं है मीडिया के पास । यहां तो मामला आता है और उस पर मिट्टी डालने का काम करता है मीडिया क्योंकि उसे कुछ हल नहीं करना । सिर्फ समस्या बता कर आगे बढ़ जाना है जल्दी जल्दी । यह टी 20 का खेल है । यहां रुकने का काम नहीं । चलते जाना है । अभी राजस्थान कांग्रेस सरकार को बहुत उछाला गया लेकिन इतना ध्यान रखते हुए कि कहीं साहब कवरेज से नाराज न हो जायें । चाहे भाजपा सारा ज़ोर सरकार तोड़ने और गिराने में लगा दे लेकिन सारी चर्चा कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर टिकाये रहना है ।मतलब नहीं कि भाजपा का कोई दोष बताओ । भाजपा का क्या दोष ? सब कांग्रेस की अपनी वर्चस्व की लड़ाई है और कांग्रेस अपना घर नहीं संभाल पा रही । कोरोना अगर है तो सरकार के लिए , भाजपा के लिए नहीं । जो विधायक गहलोत ने रखे हैं उन्हें कोरोना का डर है । जो विधायक पायलट लेकर उड़े हैं उन्हें कोई डर नहीं । सब कसूर कांग्रेस और गहलोत का । भाजपा दूध की धुली । पाक साफ । संस्कारित दल । बस मिट्टी डालो जी । अभी राजनाथ सिंह सीमाओं के प्रहरियों का मनोबल बढ़ा रहे हैं ।अभी साहब प्रहरियों का हौंसला बढ़ा कर आए हैं । बाकी फालतू आरोप लगाओगे तो पप्पू साबित करते देर नहीं लगेगी । मिट्टी डालो जी । मिट्टी । यह हमारा गोदी मीडिया हे जो किसी तीसरे अम्पायर की तरह नहीं अतिरिक्त खिलाड़ी की तरह सत्ता का साथ दे रहा है और उसका साथ साफ साफ दिख रहा है पर शर्म उसे मगर नहीं आती । Post navigation दल-बदलुओं के बीच पिसती राजनीति ये नजदीकियां जरूरी हैं अध्यक्ष बनने के लिए