गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज। गुरुग्राम में दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड हेड कॉन्स्टेबल वेदप्रकाश ने दोस्त द्वारा धोखा देने से आहत होकर सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद कदम से पहले उन्होंने अपने भाई को हाथ से लिखा सुसाइड नोट वॉट्सऐप पर भेजा था। घटना 27 मार्च की शाम की है, लेकिन इसका खुलासा 30 मार्च को तब हुआ, जब परिजन पुलिस कमिश्नर ऑफिस में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग लेकर पहुंचे।
परिजनों का आरोप:
वेदप्रकाश के भाई बालकिशन का कहना है कि उनके भाई ने 10 साल पहले दिल्ली पुलिस से VRS लिया था और हाल ही में हेलीमंडी क्षेत्र में अपनी जमीन पर फार्म हाउस बनाकर रह रहे थे। सुसाइड नोट में वेदप्रकाश ने अपने दोस्त देवेंद्र, उसके बेटे भूपेश यादव, पुत्रवधू सोनिका, सोनिका के पिता, दामाद आकाश और मामा राजकरण पर धोखाधड़ी कर जमीन बेचने और पैसे न देने का आरोप लगाया है।
परिजनों का कहना है कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है और पुलिस की मिलीभगत के कारण ही वेदप्रकाश ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया। परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है और जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी, वे शव को मॉर्च्युरी से नहीं उठाएंगे।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप:
परिवार ने आरोप लगाया कि वेदप्रकाश मजिस्ट्रेट के सामने बयान देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने स्वयं मोबाइल में बयान रिकॉर्ड कर लिए। मृतक के भाई ने कहा कि वेदप्रकाश ने मरने से पहले कॉल कर पूरी घटना बताई थी, लेकिन जब वे मौके पर पहुंचे तो वेदप्रकाश सल्फास की गोलियां खा चुका था।
सुसाइड नोट में लगाए गए आरोप:
वेदप्रकाश ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके मित्र देवेंद्र और उनके परिवार ने मिलकर उनकी जमीन को कविता अग्रोहिया नामक महिला को बेच दिया और पैसे हड़प लिए। उन्होंने इस संबंध में 5 मार्च को मानेसर डीएसपी और एसडीएम पटौदी को शिकायत दी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सुसाइड नोट में उन्होंने कहा कि वह अपनी जमीन पर घर बनाकर रहना चाहते थे, लेकिन भूपेश यादव ने मामा राजकरण को भावनात्मक रूप से प्रभावित कर उन्हें घर खाली करवाने पर मजबूर कर दिया। इसके कारण वे किराए के मकान में रहने को मजबूर हो गए थे।
पुलिस का आश्वासन:
पटौदी के एसीपी सुखबीर सिंह ने कहा कि CIA टीम आरोपियों की तलाश में जुटी है। उन्होंने परिजनों को न्याय का आश्वासन दिया और कहा कि जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
परिजनों की मांग:
परिजनों ने स्पष्ट किया है कि जब तक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं होती, वे शव नहीं लेंगे। उन्होंने पुलिस पर आरोपियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है और न्याय की गुहार लगाई है।