फिल्म हिसार दिल ढूंढता है फिर वही फुर्सत ,,, 29/11/2020 Rishi Prakash Kaushik कमलेश भारतीय बिग बी अमिताभ बच्चन चंडीगढ़ से मनाली तक का सफर हवाई जहाज से नहीं कर पाये खराब मौसम की वजह से । इसलिए कार से यह सफर तय…
देश विचार हिसार लालू, विधायक ललन और लोकतंत्र 27/11/2020 Rishi Prakash Kaushik -कमलेश भारतीय बिहार के नव निर्वाचित विधायक ललन पासवान ने केस दर्ज करवाया कि चारा घोटाले में सज़ा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने फोन कर उनको मंत्री बनाये…
हिसार आठवां फेरा लेंगे बजरंग और संगीता 25/11/2020 Rishi Prakash Kaushik -कमलेश भारतीय बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ । सिर्फ नारा है ? नहीं । पर इसे जब तक आमजन नही अपनाता तब तक नारा ही है । नारे किसी बात…
देश विचार हिसार गुलाम नवी आजाद हरियाणा के नेताओं के निशाने पर 24/11/2020 Rishi Prakash Kaushik –कमलेश भारतीय गुलाम नवी आजाद कभी हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी थे और सबकी आंखों के तारे थे लेकिन जबसे वे कांग्रेस हाई कमान के खिलाफ बगावत करने वालों के…
फिल्म हिसार नारी अब निर्भर नहीं , निर्भय और निडर है : रमनजीत कौर 20/11/2020 Rishi Prakash Kaushik -कमलेश भारतीय आज नारी छुई मुई नहीं रह गयी । वह सशक्त नारी बन चुकी है और अपनी इच्छाओं को पाने के लिए यात्रा पर निकल चुकी है । वह…
देश विचार हिसार हार को नियति क्यों माना कांग्रेस ने ? 17/11/2020 Rishi Prakash Kaushik कमलेश भारतीय कांग्रेस के सिर पर ठीकरा फूट रहा है बिहार में महागठबंधन की हार का । यह कहा जा रहा है कि यदि राजग के तेजस्वी ने सत्तर सीटें…
धर्म अप्पो दीप आपो भवः 14/11/2020 Rishi Prakash Kaushik कमलेश भारतीय दीपावली । रोशनी का त्योहार । ऐसी रोशनी जो सारे विश्व में फैली । विश्व के हर कोने में दीपावली मनाई जाती है बड़े उत्साहपूर्वक । जहां जहां…
हिसार एक दीया किस किस के नाम ? 13/11/2020 Rishi Prakash Kaushik –कमलेश भारतीय कभी साहित्यकारों से सवाल पूछा जाता है कि यदि आप किसी पानी वाले जहाज में सफर कर रहे हों और जहाज डूबने को हो तो किस किताब को…
देश विचार हिसार क्रिकेट और राजनीति के मैच संपन्न 11/11/2020 Rishi Prakash Kaushik -कमलेश भारतीय लीजिए । आईपीएल क्रिकेट , बिहार , मध्य प्रदेश, गुजरात , छत्तीसगढ़ और हरियाणा के फरीदा के चुनाव संपन्न हुए । बड़ी बैचैनी थी । खासकर जब आज…
साहित्य हिसार पत्रकारिता में जन सरोकार खत्म हो गये, अन्वेषण और शोध की परंपरा नहीं रही : पंकज चतुर्वेदी 09/11/2020 Rishi Prakash Kaushik कमलेश भारतीय आज सबसे दुख की बात यह है कि पत्रकारिता में जन सरोकार खत्म हो गये । पहले की तरह अन्वेषण और शोध की परंपरा भी नहीं रही ।…