कमलेश भारतीय

रोहतक की ऑनर किलिंग की वारदात अभी ताजी थी कि पानीपत की हृदय विदारक घटना सामने आ गयी । रोहतक में शादी करवाने जा रहे जोड़े पर गोलियां बरसाई गयीं और मौत के घाट उतार दिया अपने ही परिवारजनों ने । बेचारी लड़की पहली शादी की असफलता से परेशान मायके में रह रही थी और एक लड़के से प्यार हो गया । बाकायदा मां बाप को बताया लेकिन उसे सुख भरे दिन देने की बजाय गोलियां दीं । कोर्ट मेरिज के बहाने बुलाया थे और कोर्ट जाने से पहले अपना फैसला सुना दिया । न कोई अपील , न कोई दलील । बस । गोलियों से छलनी कर दिया । हरियाणा के माथे पर एक और कलंक । फिर पानीपत आ गया । लव मेरिज से परेशान और खफा भाइयों ने अपनी बहन के सुहाग को मार डाला । फिर कलंकित किया हरियाणा को । दोनों पड़ोसी थे पर शादी के बाद दूसरी जगह चले गये थे लेकिन किस्मत नहीं बदल पाये । जो लिखा था कि प्रेम किये दुख होये, वही हुआ । जान गयी । जहान से गया ।

क्या ऑनर किलिंग इनका हल है? कितने ही मामले उजागर हो चुके । कितनी लम्बी फेरहिस्त है । कभी पंचायत फतवा देकर विवाहित जोड़े को भाई बहन बनने पर मजबूर करती रही । क्या ये कोई हल है ? कभी जात पात या गौत्र को लेकर समस्या तो कभी ऊंचे या नीचे परिवार की समस्या । सही बात तो यह है कि प्रेम कुछ नहीं देखता । इसीलिए इसे अंधा कहा जाता है । इस अंधे प्रेम पर कोई लगाम समाज नहीं लगा पाया । तभी तो कबीर कहते हैं कि ढाई आखर प्रेम के पड़े सो पंडित होये । प्रेम पर कितनी फिल्में बन चुकीं । चंद्रावल का आधार भी प्रेम कथा ही थी ।

हरियाणावासियों ने इसे सुपरहिट बना दिया लेकिन फिल्मी परदे पर ही । असल जीवन में नहीं । प्रेम स्वीकार नहीं । क्या इस समस्या का कोई अंत या समाधान निकलेगा ?

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