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मेरी यादों में जालंधर – भाग उन्नीस ………… किताबें उधार लेकर क्यों पढ़ें ?

कमलेश भारतीय वैसे तो यादों की पिटारी किसी की कभी खत्म नहीं होती, लेकिन क्या क्या, कहाँ छिपा हुआ है , किस कोने में छिपा है, यह खुद पिटारी रखने…

मेरी यादों में जालंधर- भाग सत्रह …….. क्या मोहन राकेश ही कालिदास तो नहीं थे?

-कमलेश भारतीय पता नहीं, किधर से किधर , यादों की गलियों में निकल जाता हूँ और बहुत बार यादों में खोया-खोया, किसी एक में पूरी तरह खो जाता हूँ। आज…

मेरी यादों में जालंधर -भाग सोलह ……. दिल को छू लेती है आज भी मासूम हंसी!

कमलेश भारतीय यादों का यह सिलसिला जालंधर से शुरू होकर, न जाने किस तरफ अपने आप ही मोड़ ले लेता है और मित्रो मैं कोई नोट्स लेकर किसी तयशुदा मंजिल…

मेरी यादों में जालंधर- भाग पंद्रह ………. थियेटर की दुनिया के खुबसूरत मोड़ !

कमलेश भारतीय हाँ, तो मैं कल बात कर रहा था, जालंधर के थियेटर, रंगकर्म और‌ रंगकर्मियों के बारे में ! गुरुशरण भाजी के साथ लम्बा साथ रहा और‌ बहुत सी…

मेरी यादों में जालंधर – भाग चौदह ……… नाटक के लिए छोड़ दी ऊ़ची पदवी !

कमलेश भारतीय आज जालंधर को याद करने जा रहा हूँ अपने थियेटर या नाटकों के प्रति अथाह लगाव के लिए! जब मैंने होश संभाला तब हमारे ही घर की बैठक…

न्याय यात्रा की शुरुआत में गिरी विकेट ………

कमलेश भारतीय यह भी कमाल का मैच है! इधर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने न्याय यात्रा शुरू की और‌ उधर मुम्बई में क्रिकेट की तरह पहले ही…

मेरी यादों में जालंधर- भाग ग्यारह ……. अश्क और‌ मोहन राकेश के ठहाके….कुछ कदम आगे, कुछ कदम पीछे

-कमलेश भारतीय यादें भी क्या चीज़ हैं, जो आती हैं, तो आती ही जाती हैं । इनके आने का न‌ तो कोई सबब होता है और न ही कोई ओर-…

सीधे‌ सवाल,सीधे जवाब …….. हिसार को इंदौर के बराबर स्वच्छ नहीं बना पाया पर कमी भी नहीं छोड़ी : डाॅ कमल‌ गुप्ता

कमलेश भारतीय हरियाणा के स्थानीय निकाय मंत्री की ससुराल इंदौर है और वे हिसार को‌ आपनी ससुराल जैसा खूबसूरत बनाने की बात करते रहे । ‌आज फिर‌ समाचार आया कि…

मेरी यादों में जालंधर‌- भाग दस : उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो ……

-कमलेश भारतीय मित्रो, जालंधर, एक ऐसा शहर, जहाँ मेरा साहित्यिक जीवन शुरू हुआ। यही वह शहर है, जहाँ मैंने साहित्य में अच्छे- बुरे, खट्टे- मीठे अनुभव प्राप्त किये! यही वह…