कमलेश भारतीय

क्या हरियाणा की राजनीति करवट लेने जा रही है ? आज के समाचार पत्र यदि देखें तो कुछ ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं । एक तरफ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि भाजपा जजपा गठबंधन तो टूट चुका है और ये एक दूसरे से अलग हो चुके हैं । ये दोनों दल अपने अपने स्वार्थ के चलते यार बन‌ गये थे हालांकि दोनों एक दूसरे का विरोध कर सत्ता में आये थे । अब इनके रास्ते अलग हो चुके हैं ।

दूसरी ओर जजपा की भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर हुई बैठक का ब्यौरा भी सामने आ रहा है जिसमें गठबंधन न होने पर लोकसभा चुनाव में दो से पांच सीटों पर प्रत्याशी उतारने पर गंभीर रूप से चर्चा हुई यानी अभी संशय बरकरार है कि गठबंधन होगा कि नहीं यानी बोल राधा बोल संगम होगा कि नहीं ? जजपा हिसार और भिवानी लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने के मूड में है और इन दो लोकसभा क्षेत्रों पर इसकी नज़र है ।

यह सवाल‌ कांग्रेस को भी परेशान किये है कि इनेलो के साथ गठबंधन होगा कि नहीं ? अभी कांग्रेस व आप में तो गठबंधन हो गया और आप को एक सीट दे दी गयी है जो कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट है और बाकी नौ पर कांग्रेस अपने प्रत्याशी उतारेगी । अभी तक आप कांग्रेस की नज़र में ‘वोट काटू’ पार्टी थी और मंडी आदमपुर उपचुनाव में यही भूमिका निभाई भी थी लेकिन वक्त की नज़ाकत भांपते समय रहते यह गठबंधन सिरे चढ़ गया । अब कुरूक्षेत्र से आप की ओर से सुशील गुप्ता प्रत्याशी होंगे ।

कभी कुरूक्षेत्र से कांग्रेस के नवीन जिंदल मजबूत प्रत्याशी होते थे लेकिन वे मैदान छोड़ चुके हैं। हो सकता हे वे राजनीति में किसी नये रूप या नयी पार्टी के साथ दिखें, ऐसी चर्चा है। वैसे कुरूक्षेत्र से पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री ने आवेदन कर रखा था लेकिन टिकट आप के खाते में चले जाने से उनका दावा खत्म माना जा सकता है । वैसे पिछली बार लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी ने करनाल पर अपनी दावेदारी ठोक दी थी लेकिन भाजपा नहीं मानी । करनाल से ही एक समाचार पत्र के संपादक अश्विनी मिन्ना सांसद बन चुके हैं । अभी इनेलो ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं, वैसे अभय चौटाला का कहना है कि हम लोकसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे ।

इस तरह मज़ेदार मज़ेदार बातें सामने आती जायेंगी, फिलहाल तो गठबंधन पर हो रहा है मंथन !
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