–कमलेश भारतीय हरियाणा ही नहीं देश में लोकसभा चुनाव का मोर्चा खुल गया है। टिकट फेंटे जा रहे हैं, जैसे ताश के पत्ते ! अभी आज हरियाणा की सूची देखी भाजपा की । दस में से छह लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी घोषित कर दिये । जैसी कि चर्चा थी, सिरसा से सिटिंग सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट कट गया । उनका फीडबैक यानी रिपोर्ट कार्ड दोबारा टिकट न दिला पाया । इनकी जगह कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे और तृणमूल कांग्रेस व आप से होते हुए भाजपा में आये अशोक तंवर को टिकट देकर सम्मानित किया गया है एक प्रकार से । दलबदल का सम्मान? या संदेश कि दलबदल कोई बुरी बात नहीं । इसी प्रकार करनाल से सिटिंग सांसद संजय भाटिया का पत्ता भी साफ हो गया । इनकी जगह पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को करनाल से मैदान में उतार दिया गया है । अभी पूर्व मुख्यमंत्री ने करनाल के विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है। बाकी चार सांसदों पर भरोसा जताया गया और फिर टिकट दिये गये हैं । हिसार से भाजपा सांसद रहे व पूर्व आईएएस अधिकारी बृजेन्द्र सिंह नेता पहले ही न केवल सांसद के तौर पर बल्कि भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया । अभी हिसार का प्रत्याशी घोषित होना बाकी है । अम्बाला से यह उम्मीद की जा रही थी कि स्वर्गीय रतनलाल कटारिया के किसी परिवारजन को भाजपा टिकट दी जायेगी और ऐसा ही हुआ । पूर्व सांसद रहे कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया को टिकट दिया गया है, जिससे कि सहानुभूति लहर का सहारा मिल सके । यह हमारे देश में स्वाभाविक सी बात है । हैरानी हुई थी कांग्रेस की सूची देखकर कि अभी भी इसमें सुधार की गुंजाइश कम क्यों है? तीन तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे कांग्रेस के प्रत्याशियों की सूची में शामिल हैं । गर याद हो तो जिन दिनों राहुल गाँधी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब वे उन दिनों मुख्यमंत्रियों द्वारा दबाब बना कर अपने लालों के लिए लोकसभा टिकट मांगने का बुरी तरह दबाब बनाये हुए थे, जिससे राहुल गाँधी को यह अहसास हो गया कि कांग्रेस में आमूलचूल परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है लेकिन टिकट अब भी पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों की ही झोली में डाल दिये गये । क्या ये पूर्व मुख्यमंत्री यह विश्वास दिला पाये कि वे अपने लाडलों को लोकसभा के रण में जिता कर कांग्रेस के हाथ मजबूत कर देंगे? अफसोस यह भी कि राहुल गाँधी इस बार भी अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहे । आखिर अपनी ज़मीन, अपना आधार किसलिए छोड़ रहे हैं? क्या अमेठी की जनता पर अब विश्वास नहीं रहा? क्या रणछोड़दास ही रहेंगे? हिमाचल से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और युवा नेता अनुराग ठाकुर को फिर से मैदान में उतारा गया है। इस तरह अभी टिकटों का मोर्चा खुला है, किश्तों में टिकट बांटने की सूचियां आ रही हैं और अभी टिकट के लिए सभी गोटियां चल रहे हैं। अंतिम समय पर कौन, किसको मात दे दे, कोई कह नहीं सकता !-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी। 9416047075 Post navigation चेहरा बदल कर होगा बदलाव ? …..अनुभव और सत्ता की चाबी…. मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिले नायब सिंह सैनी