डिजिटल प्रदर्शनी को देखने के लिए कन्या महाविद्यालय पहुँच रहे जिलावासी गुरुग्राम,24 अक्तूबर। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा की ओर से लगाई गई डिजिटल प्रदर्शनी जिलावासियों को प्रदेश के गठन से लेकर मौजूदा समय तक कि विकास यात्रा से साक्षात्कार करवा रही है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा का योगदान व प्रदेश की विकास यात्रा के थीम पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी का रविवार को चौथे दिन जिला के विभिन्न क्षेत्रों से आये छात्र -छात्राओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के अनेक लोगों ने अवलोकन किया। डिजिटल प्रदर्शनी में विभिन्न डिस्प्ले के माध्यम से हरियाणा प्रदेश के गठन, वर्ष 1966 से लेकर मौजूदा समय तक की गौरवशाली विकास यात्रा को आंकड़ो सहित प्रमुखता से दर्शाया गया है। डिस्प्ले में दर्शाए गए आंकड़ो के अनुसार गठन के समय हरियाणा में 5 हजार 892 शिक्षण संस्थान थे, वहीं आज यह संख्या बढ़कर 25 हजार 217 के करीब हो गई है। प्रदेश के गांवों में निर्बाध रूप से बिजली पहुँचने के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। वर्ष 1966 में जहां केवल 1251 गांवों में बिजली की व्यवस्था थी, वहीं आज 06 हजार 841 गांवों में सुविधा उपलब्ध करवायी जा चुकी है। इसके साथ ही जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक यानी पेयजल की सुविधा में भी बीते 54 साल में सुनियोजित तरीके से विकास कार्य हुए है। वर्ष 1966-67 में पेयजल सुविधा युक्त गांवों की संख्या 170 थी, वहीं 2020-21 तक यह संख्या बढ़कर 7416 हो गई है। राज्य के गठन के समय जहां सकल घरेलू उत्पाद 540.07 करोड़ रुपए था, वहीं वर्ष 2019-20 में यह 8 लाख 31 हजार 610.21 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। राज्य के विकास की गति ने लोगों के जीवन स्तर में भी सकारात्मक रूप से बड़ा बदलाव किया है। वर्ष 1966-67 में जहां प्रति व्यक्ति आय 608 रुपए थी, वहीं आज 2 लाख 64 हजार 207 रुपये है। विगत 50 सालों में राज्य की साक्षरता दर में भी बड़ा बदलाव देखने को मिला है। वर्ष 1971 में जहां साक्षरता दर 26.89 प्रतिशत दर्ज की गई थी, वहीं आज राज्य की यह दर 75.55 प्रतिशत हो गई है। इसी प्रकार, सड़कों को विकास की धमनियां कहा जाता है। राज्य की प्रगति को गति देने व ग्रामीण अंचल को प्रमुख कस्बों व शहरों से जोड़ने में भी हरियाणा प्रदेश ने सड़क निर्माण के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए हैं। वर्ष 1966-67 में जहां केवल 1386 गांव ही पक्की सड़क से जुड़े थे, वहीं आज प्रदेश के सभी 6841 गावों को पक्की सड़क से जोड़ा जा चुका है। राज्य के गठन से लेकर मौजूदा समय तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी दूरगामी सोच के साथ अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या को 797 से लेकर 4192 तक ले जाया है। खेल के क्षेत्र में हरियाणा ने पूरे देश में कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आज ओलंपिक हो या पैरा ओलंपिक हरियाणा के खिलाड़ियो ने देश का नाम रोशन कर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। खिलाड़ियो को अच्छी प्रशिक्षण सुविधा, सही मार्गदर्शन देने के साथ साथ खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में भी अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। वर्ष 1966 में जहाँ पूरे प्रदेश में केवल 01 स्टेडियम था, वहीं आज राज्य में करीब 429 खेल स्टेडियम हैं। इस प्रदर्शनी में हरियाणा के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को अभिलेखों व तस्वीरों के माध्यम से दिखाने के साथ ही हरियाणा के विकास की तस्वीर भी दिखाई गई हैं। यह प्रदर्शनी वीरवार से शुरू होकर 25 अक्टूबर तक महाविद्यालय में आयोजित की जा रही है। सोमवार को प्रदर्शनी का गुरुग्राम जिला में अंतिम दिन है। इसमें प्रवेश निशुल्क है और आमजन के साथ-साथ स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों को भी आमंत्रित किया गया है। सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के संयुक्त निदेशक (एनसीआर) रणबीर सिंह सांगवान ने जिला के युवाओं से आह्वान किया कि वे इस प्रदर्शनी का अवलोकन जरूर करें ताकि वे अपने प्रदेश के इतिहास और उसकी विकासात्मक प्रगति को जान पाएं। यह सामान्य ज्ञान की दृष्टि से भी काफी अहम है। Post navigation शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था नहीं है दुरुस्त रिटायर्ड एयर फोर्स अधिकारी दिवाली मना पाएंगे या उधार लेकर बिजली विभाग का बिल जमा करेंगे