गुरूग्राम जिला के सुल्तानपुर टुरिस्ट कॉम्पलेक्स से वीडियों कॉन्फें्रसिंग के माध्यम से होगा यह कार्यक्रम गुरुग्राम, 16 अक्तुबर। हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज की ओर से प्रदेश में सिरसा जिला को छोड़कर बाकि 21 जिलों में 71 हर हित स्टोर खोले जा रहे हैं जिनका उद्घाटन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल 17 अक्टूबर रविवार को एक ही दिन में करेंगे। गुरूग्राम जिला के फरूखनगर कस्बा मंे मुख्यमंत्री स्वयं मौके पर जाकर हरहित स्टोर का उद्घाटन करेंगे और उसके बाद सुल्तानपुर से प्रदेश के बाकि 70 हर हित स्टोर का उद्घाटन वर्च्युअल माध्यम से किया जाएगा। इस बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं बादशाहपुर के विधायक श्री राकेश दौलताबाद ने बताया कि 17 अक्टूबर रविवार को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल पहले गुरूग्राम जिला के फरूखनगर कस्बा में हर हित स्टोर का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वे सुल्तानपुर में बने रोजी पैलीकन टुरिस्ट कॉम्पलेक्स से प्रदेश के सिरसा जिला को छोड़कर बाकि सभी जिलों में 70 हर हित स्टोर का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन करेंगे। हर हित स्टोर योजना की अवधारणा के बारे में जानकारी देते हुए राकेश दौलताबाद ने बताया कि गांव के लोगों को जरूरत की हर चीज गांव में उपलब्ध हो सके और ग्रामीण अंचल में रोजगार के नए अवसर पैदा हों, इसके लिए हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन लिमिटेड सभी जिलों में हर हित स्टोर खोल रहा है। इसके लिए युवाओं से आवेदन मांगे गए थे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने हर हित रिटेल विस्तार परियोजना इस वर्ष 2 अगस्त को शुरू की थी। परियोजना के अंतर्गत प्रदेश भर में लगभग 2 हजार हर हित स्टोर खोलने की योजना है जिससे प्रदेश के युवाओं को ना केवल रोजगार के अवसर मिलेंगे बल्कि उनमें उद्यमशीलता का जज्बा पैदा होगा। राकेश दौलताबाद के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में 1500 और शहरी क्षेत्र में 500 ऐसे स्टोर खोलने की योजना है। उन्होंने बताया कि हर हित स्टोर पर प्रतिदिन की आवश्यकता का किरयाना का सामान उपभोक्ताओं को मिलेगा, जिसमें सरकारी कॉपरेटिव संस्थाओं अथवा संगठनों जैसे -नैफेड , हैफेड, वीटा आदि, एफपीओ , नेशनल ब्रांड , एफएमसीजी कंपनियों तथा एमएसएमई इकाईयों के उत्पाद शामिल होंगे। ये स्टोर केवल हरियाणा के निवासियों को ही अलॉट किए जा रहे हैं। इसके लिए गुरूग्राम, करनाल तथा हिसार में मास्टर वेयरहाउस का प्रबंध किया गया है। Post navigation कुलभूषण भारद्वाज ने कष्ट निवारण समिति की सार्थकता पर लगाया प्रश्न चिन्ह ! 1947 के विभाजन का दर्द – बुजुर्गों की जुबानी