कुलभूषण भारद्वाज ने कष्ट निवारण समिति की सार्थकता पर लगाया प्रश्न चिन्ह !

भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। आज गुरुग्राम में मुख्यमंत्री ने जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक ली। बैठक से पूर्व भाजपा से निलंबित कुलभूषण भारद्वाज को कष्ट निवारण समिति से भी हटाया, जिस पर कुलभूषण भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर कहा कि मुझे इसका अफसोस नहीं। मैं आजाद हो गया। कष्ट निवारण समिति में शहर के कष्टों का निवारण नहीं होता, मीडिया को घुसने नहीं दिया जाता, शिकायतकर्ता की बात नहीं सुनी जाती, 300 फाइलें बिल्डर की जो वर्षों से दबी पड़ी हैं, वे खोली नहीं जाती।

कुलभूषण भारद्वाज ने आगे फोन पर कहा कि भाजपा में इस समय केवल चाटुकारों की बात सुनी जाती है। सब अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री खुद इन बातों से वाकिफ हैं।

इस पर कुछ अन्य लोगों से बात की तो प्रतिक्रिया सामने आई कि भाजपा में लोग समर्पण, निष्ठा, सिद्धांत, अनुशासन के लिए नहीं जाते अपितु वर्तमान में कानून विरोधी कार्यों पर पर्दा डालने के लिए भाजपा में जाते हैं, क्योंकि भाजपा का इस समय राज है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अब तोडफ़ोड़ को ही ले लो, अनेक भाजपाइयों के मकान बिना नक्शे के बने हुए हैं, उन्हें तोडऩे कोई नहीं जाता और तो और एक की तो जानकारी है और भी कष्ट निवारण समिति के सदस्य भी कानून तोड़ रहे होंगे। ऐसे में जनता का विश्वास कष्ट निवारण समिति पर कैसे हो।

इसी प्रकार प्रतिक्रिया आई कि गुरुग्राम में जमीन का व्यापार बहुत होता है और भाजपा संगठन के अनेक पदाधिकारी इसी व्यापार से जुड़े हुए हैं और उन पर कोई कार्यवाही इसलिए नहीं होती, क्योंकि वे भाजपा के सदस्य हैं।

अवैध कॉलोनियों के लिए सरकार रोज नियम बनाकर इसे असंभव घोषित कर रही है लेकिन कॉलोनियां अभी भी काटी जा रही हैं। अभी फर्रुखनगर परिषद के चेयरमैन के निवास के साथ कॉलोनी कट रही हैं, अन्य स्थानों पर भी ऐसा संभव है। यह संभव नहीं कि इसकी जानकारी विधायक को न हो, बल्कि लोगों का तो यहां तक कहना है कि कॉलोनी काटने वाले विधायक के विश्वास पात्र हैं।

इसी प्रकार गुरुग्राम नगर निगम और नवनिर्मित मानेसर निगम में कहा जाता है कि निगम के कार्यों के ठेके कार्य को देखकर नहीं, अपितु व्यवहार को देखकर दिए जाते हैं। इसके लिए आजकल मानेसर निगम का नाम विशेष चर्चा में हैं।

You May Have Missed

error: Content is protected !!